डीयू में हॉस्टल की कमी: हर समय हादसे का खतरा, 25 गज के मकान में रहने को मजबूर छात्र

दिल्ली यूनिवर्सिटी में हजारों की तादाद में दाखिला लेने छात्र पूरे देश से हर साल पहुंचते हैं। इस साल भी दाखिला लेने एक लाख से अधिक छात्रों के आने की संभावना है। दाखिला लेने के बाद उनकी सबसे बड़ी चुनौती रहने की होती है। 

डीयू में हॉस्टल की कमी की वजह से उन्हें या तो निजी पीजी में रहना पड़ता है या मकान लेकर। लेकिन मुखर्जी नगर, विजय नगर, नेहरू विहार, गांधी विहार, वजीराबाद गांव, बुराड़ी, संत नगर में ऐसे-ऐसे घरों में रहने की मजबूरी है जहां धूप, हवा का कभी दर्शन नहीं होता है। 

मुखर्जी नगर स्थित नेहरू विहार की बात करें तो यहां 25-25 गज वाले प्लॉट है। जो कमाई का धंधा बना हुआ है। इस 25 गज वाले दो फ्लैट को जोड़कर पांच मंजिलों वाले पीजी तक बन गए है। इस पीजी की बात करें तो प्रवेश और निकास पतली सी सीढ़ी एकमात्र है। 

यहां भी खतरे की घंटी लगातार बजते रहती है। पिछले दिनों की ही बात करें तो मुखर्जी नगर के एन ब्लॉक के एक पीजी में गैस का चूल्हा जलने की वजह से आग लग गई थी। ऐसे में छात्रों को बॉलकनी से काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया। 

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