कुल्लू: रास्तों के अभाव में पर्यटन स्थलों पर नहीं पहुंच पा रहे सैलानी
जिले की सैंज घाटी में पर्यटकों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। सुविधाओं के अभाव में पर्यटक घाटी के रमणीय स्थलों को देखे बिना ही लौट रहे हैं। इससे पर्यटन कारोबारी भी परेशान हैं। घाटी में रोजाना देश-विदेश से सैकड़ों पर्यटक रैला और जियाह वाटरफॉल देखने पहुंच रहे हैं, लेकिन सड़क न होने से उनके कदम आधे रास्ते में ही रुक रहे हैं।
जुलाई में आई प्राकृतिक आपदा में रैला वाटरफॉल को जोड़ने वाली सड़क क्षतिग्रस्त हुई थी जिसे अभी तक बहाल नहीं किया गया है। ऐसे में कैसे पर्यटन कारोबार सुदृढ़ हो पाएगा। सैंज को प्रकृति ने अपार सुंदरता बख्शी है। घाटी की यही सुंदरता स्थानीय जनता की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के साथ देश-विदेश से आ रहे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी है।
रैला पंचायत के पूर्व उपप्रधान प्रीतम सिंह, नरेश, कोमदत्त, वीरेंद, यशपाल, नेसराम, चमन, निरत राम और चमन चौहान ने कहा कि सैंज घाटी में रैला वाटरफॉल, शैंशर का जियाह वाटरफॉल, धाऊगी और देहुरी गांवों की सुंदरता के साथ सुचैहण की दलोगी झील, शांघड़ का देवता मैदान, थिहणी जोत, भाटकंडा थाच और मनुमंदिर पर्यटकों के लिए नए पर्यटन स्थल के रूप में उभरे हैं।
पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं, लेकिन असुविधाओं के चलते ये स्थान पूर्ण रूप से उभर नहीं पाए हैं। कहा कि प्रशासन घाटी के पर्यटन स्थलों के रास्ते सुगम बनाने का प्रयास करे, ताकि स्थानीय युवाओं को पर्यटन गतिविधियों से रोजगार मिल सके। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विनय हाजरी का कहना है कि विभाग मंडल में सड़कों को आने वाले दिनों में दुरुस्त करेगा।