जान ले क्या होगा अगर यहां की महिलाएं साड़ी के साथ पहन ले ब्लाउज़, इस वजह से पहनने से डरती हैं…
महिलाओं की पौशाक साड़ी क साथ ब्लाउज़ पहना जाता है, क्योंकि यह उन्हें एक अगल आकर्षक लुक देता है। साथी शरीर के उपरी भाग को भी ठका रखता है। पर भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां महिलाएं साड़ी के साथ ब्लाउज़ नहीं पहनती हैं। इसके पीछे एक अगल ही कारण छुपा हुआ है। आईए जानते हैं..
छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाएं बिना ब्लाउज़ के पहनती हैं साड़ी। यहां की परंपरा के मुताबिक महिलाओं को ब्लाउज पहनने की अनुमति नहीं है। इस परंपरा के अंतर्गत महिलाएं ना तो खुद ब्लाउज पहनती है और ना ही गांव की किसी और महिलाओं को इसे पहनने देती हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोग शुरू से अपनी परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाएं बिना ब्लाउज़ के पहनती हैं साड़ी। यहां की परंपरा के मुताबिक महिलाओं को ब्लाउज पहनने की अनुमति नहीं है। इस परंपरा के अंतर्गत महिलाएं ना तो खुद ब्लाउज पहनती है और ना ही गांव की किसी और महिलाओं को इसे पहनने देती हैं। इन इलाकों में रहने वाले लोग शुरू से अपनी परंपरा को निभाते चले आ रहे हैं।
लेकिन हाल ही में ऐसी खबरें आई थी कि यहां रहने वाली कुछ लड़कियों ने ब्लाउज पहनना शुरू कर दिया है। जिस वजह से गांव वालों ने उन पर परंपरा की अवहेलना का आरोप भी लगाया था। आज भी इस परंपरा को बचाने में पुराने लोग लगे हुए है। बिना ब्लाउज साड़ी पहनने को गातीमार स्टाइल कहा जाता ह। लगभग एक हजार साल से इस परंपरा को लोग निभाते चले आ रहे हैं।
आदिवासी महिलाओं का मानना है कि बिना ब्लाउज़ के साड़ी पहनने पर काम करने में सुविधा होती है। ऐसे खेत में काम करना और बोझ उठाना काफी आसान हो जाता है। जबकि जंगली इलाकों में महिलाएं गर्मी की वजह से ब्लाउज पहनना पसंद नहीं करती। वहीं दूसरी तरफ शहरों में अब बिना ब्लाउज साड़ी पहनने का फैशन चल पड़ा है।