जानें केरल में एक इस्लामी विद्वान ने भारत में ले कर क्या कहा…

केरल में एक इस्लामी विद्वान ने शनिवार को कहा कि दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं है जहां इस्लामिक गतिविधियां भारत की तरह स्वतंत्र रूप से की जा सकती हैं। इस तरह की स्वतंत्रता तो मुस्लिम देशों में भी नहीं है। एक कार्यक्रम में बोलते हुए पोनमाला अब्दुल कादर मुस्लियार ने पूछा कि क्या कोई और देश है जो हमारे देश की तरह मुस्लिम संगठनों को संचालन की स्वतंत्रता देता है।

भारत की तरह कहीं और नहीं की जा सकती इस्लामिक गतिविधियां

मुस्लिम विद्वानों के निकाय ”समस्त केरल जमायतुल उलमा” से संबंधित मुसलियार का बयान ऐसे समय में आया है जब देश में अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि जब आप विश्व के अन्य राष्ट्रों को देखते हैं, तो देखेंगे कि कोई और ऐसा देश नहीं है जहां भारत की तरह इस्लामिक गतिविधियां की जा सकती हैं। फिर उन्होंने उपस्थित लोगों से खुद ही सवाल किया आखिर किन देशों में ये संगठनात्मक गतिविधियां संभव हैं।

उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत, सऊदी अरब जैसे परिचित खाड़ी देश हों या सिंगापुर, मलेशिया जैसे पूर्वी देश कहीं पर भी हमारी गतिविधियों के लिए उपयुक्त माहौल नहीं है। मुस्लियार ने कहा कि भारत में इस्लामिक संगठन जमीनी स्तर से किसी भी हद तक काम कर सकते हैं और यह कतर, यूएई या सऊदी अरब जैसे देशों में भी संभव नहीं है।

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