जानिए गोवर्धन पूजा का महत्व और करे ये उपाय, घर से नकारात्मक ऊर्जा रहेगी कोसों दूर

हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। इस साल 13 नवंबर शुक्रवार के दिन गोवर्धन पूजा की जाएगी। यह त्योहार मुख्यतः भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है। गोवर्धन पूजा के बाद अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है जिसमें भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए जाते हैं।

सनातन धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। मुख्यतः गोवर्धन पूजा दिवाली के एक या दो दिन बाद की जाती है, जिसमें गाय के गोबर से भगवान श्री कृष्ण का चित्र बनाया जाता है। ऐसे में यदि आप गोवर्धन पूजा के दिन कुछ उपाय अपनाते हैं, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा को अपने घर से दूर भगा सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है वह खास उपाय।

ये है पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार इंद्र ने अपने घमंड के चलते ब्रज भूमि पर मूसलाधार वर्षा कर दी थी। तब भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाया था। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर 7 दिनों तक उठाए रखा था। अंत में इंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से क्षमा मांगी। तभी से गोवर्धन पूजा की शुरुआत मानी जाती है। गोवर्धन पर्वत को गिरिराज जी भी कहते हैं। भगवान श्री कृष्ण की इसी लीला के कारण उन्हें गिरिधर, गिरिधर गोपाल आदि नामों से जाना जाता है।

करें ये एक उपाय
आप अपने घर से नकारात्मक ऊर्जा की समाप्ति के लिए गोवर्धन पूजा के दिन वास्तु और ज्योतिष से जुड़े कुछ उपाय कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है शाम के समय घर में गाय के गोबर को जलाकर उसका धुआं करना। इससे वातावरण में मौजूद नेगेटिव एनर्जी दूर भागती है और सकारात्मकता बनी रहती है। जिससे व्यक्ति को मानसिक शांति का अनुभव होता है।

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