जानिए गणपति जी के जन्म की अनसुनी कथा, जिसे शायद ही कोई जानता होगा

हमारे भारत में सभी भगवानो से जुड़े कई किस्से और कहानियां है। हिन्दू समाज में सभी भगवानो की पूजा की जाती है। अक्सर किसी भीं शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश जी का ध्यान किया जाता है। भगवान गणेश माता गौरी और भगवान शिवजी के पुत्र हैं। गजानन जी रिद्धि-सिद्धि  के दाता है। गजानन जी सब विघ्नो को तारने वाले है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी ने जन्म लिया था। आइए जानते हैं गणेश भगवन से जुडी उनकी ये कहानी…

इस दिन हुआ भगवान गणेश जी का जन्म –

भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को सभी देवों में सर्वप्रथम पूजे जाने वाले भगवान गणेश का जन्म हुआ था। जि‍ससे इस गणेश चतुर्थी पर पूरे देश में गणेशोत्‍सव धूमधाम से मनाया जाता है। श‍िवपुराण के मुताबि‍क एक बार सभी देवी देवताओं में इस बात पर व‍िचार व‍िमर्श होने लगा क‍ि उन सबमें कौन सर्वश्रेष्ठ है। सभी देवी देवता अपने आपको बड़ा और श्रेष्ठ बताने लगे। इस पर बहस तेज होने लगी। ऐसे में सभी देवी देवता भगवान श‍िव जी के पास इस व‍िषय को लेकर कैलाश पहुंचे। भगवान श‍िव ने सबकी बात ध्‍यान से सुनने के बाद बोले क‍ि जो भी पहले पृथ्वी की तीन बार परिक्रमा पूरी कर सबसे पहले कैलाश लौटेगा वही सबसे बड़ा होगा। इसके बाद सभी देवता एक साथ पर‍िक्रमा के लि‍ए चले गए। इस दौरान गणेश जी ने अपनी बुद्ध‍िमता का पर‍िचय देते हुए अपने माता-प‍िता की तीन बार पर‍िक्रमा पूरी कर ली। इसके बाद श‍िव जी ने प्रसन्‍न होकर गणेश जी को हमेशा सर्वप्रथम पूजे जाने का आशीर्वाद दे द‍िया। श‍िव जी ने कहा जि‍स क‍िसी कार्य में सबसे पहले गणेश जी की पूजा होगी उसमें कभी क‍िसी प्रकार क‍ी बाधा नहीं आएगी। वह कार्य सफल होगा। इसीलि‍ए गणेश को व‍िध्‍नहर्ता के  नाम से भी पुकारा जाता है। तब से भगवान गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाने लगी।

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