अपने घरों में रखें चाकू’, हिंदुओं को अपने सम्मान पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार-प्रज्ञा सिंह

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने हिंदुओं से कम से कम अपने घरों में चाकुओं को तेज रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को अपने सम्मान पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है।

भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या के बारे में बात करते हुए कहा कि हिंदुओं को उन पर और उनकी गरिमा पर हमला करने वालों को जवाब देने का अधिकार है।

‘अपने घरों में रखें चाकू’

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने भी समुदाय से कम से कम अपने घरों में चाकुओं को तेज रखने का आह्वान किया, क्योंकि सभी को अपनी रक्षा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘लव जिहाद, उनके पास जिहाद की परंपरा है। अगर कुछ नहीं करते हैं तो लव जिहाद करते हैं। अगर वे प्यार भी करते हैं तो उसमें जिहाद करते हैं। हम (हिंदू) भी प्यार करते हैं, भगवान से प्यार करते हैं, एक संन्यासी अपने भगवान से प्यार करता है।’

‘अत्याचारियों और पापियों को खत्म करो’

रविवार को हिंदू जागरण वैदिके के दक्षिण क्षेत्र के वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए भाजपा सांसद ने कहा, ‘संन्यासी कहते हैं कि भगवान द्वारा बनाई गई इस दुनिया में अगर प्यार की सच्ची परिभाषा यहां नहीं बचेगी तो सभी अत्याचारियों और पापियों को खत्म करो। लव जिहाद में शामिल लोगों को उसी तरह जवाब दें। अपनी लड़कियों की रक्षा करें और उन्हें सही मूल्य सिखाएं।”

‘अपने घरों में हथियार रखो’

इसके अलावा, शिवमोग्गा के हर्ष सहित हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या की ओर इशारा करते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने लोगों से आत्मरक्षा के लिए घर में धारदार चाकुओं को रखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘अपने घरों में हथियार रखो और कुछ नहीं तो कम से कम सब्जी काटने के लिए चाकू, वह भी धारदार वाला… पता नहीं क्या स्थिति आ जाए…. आत्मरक्षा का अधिकार सबको है। अगर कोई हमारे घर में घुसपैठ करता है और हम पर हमला करता है, तो उसको करारा जवाब देना हमारा अधिकार है।’

मिशनरी संस्थानों में बच्चों को न पढ़ाएं

मिशनरी संस्थानों में अपने बच्चों को शिक्षित करने के खिलाफ माता-पिता को सलाह देते हुए भाजपा सांसद ने कहा, ‘ऐसा करने से आप अपने लिए वृद्धाश्रम के दरवाजे खोल देंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मिशनरी संस्थानों में शिक्षित होने से बच्चे आपके और आपकी संस्कृति के नहीं होंगे। वे वृद्धाश्रम की संस्कृति में बड़े होते हैं और स्वार्थी हो जाते हैं।’

‘बच्चों को धर्म के बारे में पढ़ाएं’

उन्होंने आगे कहा, ‘अपने घर पर पूजा करें। अपने धर्म और शास्त्र के बारे में पढ़ें। अपने बच्चों को इसके बारे में पढ़ाएं, ताकि बच्चे हमारी संस्कृति और मूल्यों के बारे में जान सकें।’

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