कोरोना के नए स्ट्रेन से बच्चों को रखा चाहते हैं सुरक्षित, तो अपनाएं ये तरीके

कोरोना महामारी एक बार फिर लोगों के लिए परेशानी की वजह बन गई है। बीते कुछ समय से भले ही इस भयानक महामारी के मामलों में कमी देखने को मिली हो, लेकिन हाल ही में सामने आए इसके नए सब-वेरिएंट ने लोगों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है। दरअसल, बीते कुछ समय से दुनिया के कई देशों में कोरोना जेएन.1 के मामले सामने आ रहे हैं। खुद भारत में कई राज्यों से इसके मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में अब इसे लेकर हेल्थ एक्सपर्ट ने चिंता जाहिर की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के इस नए सब-वेरिएंट को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया है। इसे कोरोना के अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। ऐसे में नए साल के स्वागत से पहले एक बार फिर हुई कोरोना की दस्तक ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। ऐसे में जरूरी है कि फेस्टिव सीजन के बीच कोरोना के बढ़ते मामलों का ध्यान रख इसके फैलने से रोका जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच किन बातों का ध्यान रख अपने बच्चों की सुरक्षित रखें।

सोशल डिस्टन्सिंग
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सोशल डिस्टन्सिंग सबसे प्रभावी तरीका है। ऐसे में अपने बच्चों के सुरक्षित रखने के लिए उन्हें सोशल डिस्टन्सिंग प्रोत्साहित करें, खासकर स्कूल या सार्वजनिक स्थानों पर, यहां वायरस के प्रसार की संभावना ज्यादा होती है।

मास्क का इस्तेमाल करें
किसी भी तरह के वायरस के बचने के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी है। ऐसे में कोरोना से अपने बच्चों को बचाने के लिए उन्हें मास्क पहनने की आदत जरूर डलवाएं। खासकर भीड़-भाड़ वाली या बंद जगहों पर मास्क का इस्तेमाल जरूर करें। पेरेंट्स इस बात का खास ख्याल रखें कि बच्चे ऐसे मास्क पहनें जो उनकी नाक और मुंह पर अच्छी तरह से फिट हों।

बार-बार हाथ धोना
अपने बच्चों को पर्सनल हाइजीन का महत्व समझाएं और साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक बार-बार हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही बच्चों को बताएं कि वह बार-बार आंखें, नाक और मुंह को अपने हाथों से छूने से बचे।

वैक्सीनेशन
कोरोना से बचने का सबसे कारगर तरीका इसका वैक्सीनेशन है। कोरोना से जारी इस लड़ाई में वैक्सीनेशन अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बच्चों के लिए टीकाकरण से जुड़े सभी नए दिशानिर्देशों के बारे में सूचित रहें। साथ ही पेरेंट्स यह भी सुनिश्चित करें कि घर में सभी को योग्य लोग फुली वैक्सीनेटेड हों।

सही वेंटिलेशन की व्यवस्था करें
घर या जिस जगह बच्चे ज्यादा रहते हैं, वहां सही वेंटिलेशन की व्यवस्था करें। सही वेंटिलेशन वायरस को जोखिम को कम करता है। अगर संभव हो तो घर के अंदर वेंटिलेशन को बेहतर बनाने के लिए खिड़कियां या दरवाजे खुले रखें।

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