कानपुर: रिमझिम इस्पात समूह की जांच में 500 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा

रिमझिम इस्पात समूह में लगातार छठवें दिन भी आयकर की जांच जारी रही। सूत्रों के अनुसार, जांच में समूह की 500 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। इसी तरह 200-300 करोड़ की बोगस बिक्री मिली है। स्टाॅक में 80 करोड़ का अंतर मिला है। बताया जा रहा है कि एक बिल्टी पर तीन-तीन बार उत्पाद मंगाया गया है। छापे में पांच करोड़ के गहने, तीन करोड़ की नकदी पहले ही मिल चुकी है।

कंपनी के मालिक योगेश अग्रवाल और उनके दोनों बेटे आईफोन का इस्तेमाल करते हैं। समूह के लोगों की ओर से आईफोन का पासवर्ड नहीं बताने पर आयकर अफसरों ने दिल्ली की क्लाउड कंपनी पर सर्वे किया। वहां से पासवर्ड मिलने के बाद डाटा क्लोनिंग का काम शुरू किया गया है। ऐसे में कई राज और सामने आ सकते हैं। कर चोरी की रकम भी बढ़ सकती है। कानपुर में चार और दिल्ली में एक जगह अभी जांच चल रही है। यह एक-दो दिन और चल सकती है। सूत्रों ने बताया कि बोगस फर्माें के जरिए दो नंबर की कमाई को एक नंबर बनाया जा रहा था। दावा है कि 15 बोगस फर्मों के जरिए 200-300 करोड़ की बोगस बिक्री पकड़ी गई है। जांच के दौरान कंपनी के उत्पादन, बिक्री में बड़े स्तर पर गड़बड़ी मिली।

सूत्रों ने बताया कि बोगस फर्मों से जुड़े 20 लोगों का पता चला है। इसमें दिल्ली का एक कारोबारी तो दूसरे व्यक्तियों के बैंक खाते का इस्तेमाल कर रहा था। इसके एवज में एक लाख रुपये महीना भुगतान कर रहा था। इस खाते का उपयोग बोगस खरीद और बिक्री की कमाई को एक नंबर की कमाई बनाने में किया जा रहा था।

बता दें कि आयकर विभाग के 250 से ज्यादा अफसरों की अलग-अलग टीमों ने बीते गुरुवार को कंपनी के मालिक योगेश अग्रवाल के कानपुर स्थित आवास, कॉरपोरेट कार्यालय और उन्नाव, हमीरपुर की फैक्टरियों पर छापा मारा था। इसके अलावा कंपनी से जुड़े डीलरों के उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, कर्नाटक, हरियाणा, ओडिशा में 50 से ज्यादा प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई थी। अब केवल योगेश अग्रवाल के आवास, नवाबगंज स्थित कारपोरेट कार्यालय, फैक्टरियों और दिल्ली स्थित एक प्रतिष्ठान की जांच चल रही है।

हर सवाल का जवाब पता नहीं, याद नहीं, पासवर्ड भी नहीं बताया

सूत्रों के मुताबिक आयकर छापे के दौरान अफसरों ने योगेश अग्रवाल से कारोबार, आय, निवेश के स्रोत, बोगस फर्म आदि पर तमाम सवाल पूछे गए। इनमें से सभी के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ पता नहीं या याद नहीं हैं। अफसरों का दावा है कि योगेश अग्रवाल ने आईफोन के पासवर्ड नहीं बताए और जांच में सहयोग नहीं किया। इसके चलते दिल्ली स्थित क्लाउड कंपनी पर सर्वे की कार्रवाई की गई। फिर आईफोन का पासवर्ड मिला। आईफोन का पासवर्ड न देने के पीछे आशंका जताई जा रही है कि इसमें अलग-अलग कंपनियों से जुड़े लेनदेन की जानकारी हो सकती है। पासवर्ड मिलने के बाद दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने डाटा क्लोनिंग शुरू कर दी है।

तीन डायरियों में हिसाब-किताब, सामने आए राज
सूत्रों के मुताबिक छापे के दौरान आयकर अफसरों को तीन डायरियां मिली हैं। इनके जरिए कई राज सामने आए हैं। इसमें किन लोगों को भुगतान किया गया, किससे भुगतान लेना था जैसी जानकारियां मिली हैं। इन डायरियों में एक बिल्टी पर तीन बार सामान मंगाने की जानकारी मिली है। डायरियों में जिन-जिन लोगों के नाम और पते मिले हैं, वह भी आयकर की जांच के दायरे में आ गए हैं।

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