कानपुर: प्रोफेसरों को धमकाने के आरोप में दो छात्र निलंबित

कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में शनिवार को बीबीए की छात्रा पर दो छात्रों के साथ मिलकर बिजनेस मैनेजमेंट के शिक्षकों प्रोफेसर अंशु यादव व प्रोफेसर सुधांशु पांड्या संग उनके केबिन में घुसकर गालीगलौज, धमकी और अभद्रता का आरोप लगा है। कॉलेज प्रबंधन ने छात्रा संग गए दोनों छात्रों को निलंबित कर दिया है। दूसरी तरफ छात्रा ने भी शिक्षकों पर बदसलूकी व जाति सूचक शब्दों से अपमानित करने का आरोप लगाया है। दोनों पक्षों की तहरीर के आधार पर पुलिस जांच कर रही है।

विश्वविद्यालय के डीन प्रशासन प्रोफेसर सुधांशु पांड्या ने कुलपति को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। प्रोफेसर पांड्या ने बताया कि शनिवार दोपहर को वह प्रोफेसर अंशु यादव के कक्ष में उनसे मिलने गए। वहां बीबीए की छात्रा दो छात्रों के साथ प्रोफेसर अंशु यादव से झगड़ रही थी। समझाने का प्रयास किया तो छात्रा ने छात्रों संग मिलकर उनसे गाली-गलौज की।

प्रोफेसर अंशु का हाथ मरोड़ते हुए एससीएसटी एक्ट में अंदर कराने की धमकी दी। छात्रा के साथ आए दोनों छात्रों ने धक्कामुक्की और अभद्रता भी की। प्रोफेसर पांड़या ने पूरे प्रकरण से कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक को अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की। कुलपति ने मामले की जांच के लिए डीएसडब्लू की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय कमेटी गठित की। साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के लिए कल्याणपुर थाने में तहरीर भेजी है।

आरोपों की पुष्टि के लिए होगा नार्को टेस्ट
बीबीए की छात्रा का शिक्षकों पर आरोप लगाने का एक वीडियो एवं पत्र सोशल मीडिया पर वायरल है। कुलपति ने एक कमेटी गठित कर मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस कमिश्नर से मामले में नार्को एवं लाई डिटेक्टर टेस्ट की प्रकिया के लिए निवेदन किया।

अनुशासनहीनता पर हुआ निलंबन
अनुशासनहीनता, नियमों के उल्लघंन और धमकी देने के आरोपी छात्रों का प्रवेश विवि परिसर में रोक दिया गया है। कुलपति के साथ आला अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में छात्र अभिजीत राय, शिवम को प्रथम दृष्टया दोषी करार देते हुए उनकी विवि में एंट्री पर रोक लगा दी गई है और उन्हें निलंबित किया गया है। विवि प्रशासन की तरफ से इसकी सूचना पुलिस को दी गई है।

छात्रों ने माफी मांगी
प्रकरण में शनिवार को आरोपी छात्रों ने विवि प्रबंधन से माफी मांगी है। छात्रों के अभिभावकों ने इस संबंध में प्रबंधन से बात की है। कई छात्रों ने बताया कि परिसर में बाहरी छात्र अपने दोस्तों के साथ आकर उन्हें विरोध प्रदर्शन में शामिल करने का दबाव डाल रहे हैं। जबकि, उनका किसी मामले में कोई लेना देना नहीं है। बाहरी छात्र अपने हित साधने के लिए इसे मुद्दा बना रहे हैं।

Back to top button