कानपुर : मोतीझील से नयागंज तक डाउन ट्रैक का ट्रायल, दिसंबर में IIT से सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो चलाने की तैयारी!

कानपुर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने शुक्रवार को मोतीझील से नयागंज भूमिगत स्टेशन तक 5.5 किमी डाउन लाइन पर 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से मेट्रो ट्रेन चलाकर पहली बार ट्रायल लिया। इससे पहले अप लाइन में 22 बार ट्रेन चलाकर प्री-ट्रायल हो चुका है। यहां 90 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने की तैयारी है।

इसके साथ ही दिसंबर से आईआईटी से सेंट्रल तक मेट्रो संचालन की भी तैयारी की जा रही है। नौबस्ता तक ट्रेन चलाने की डेडलाइन मार्च 2025 है। मेट्रो के परियोजना निदेशक अरविंद मीणा की उपस्थिति में मेट्रो कॉरिडोर-1 (आईआईटी -नौबस्ता) के तहत चुन्नीगंज-नयागंज भूमिगत सेक्शन की डाउन लाइन में मेट्रो ट्रेन का ट्रायल पूर्वाह्न 11:30 बजे शुरू हुआ।

इस दौरान ट्रैक, थर्ड रेल (ट्रेन संचालन के लिए विद्युत आपूर्ति करने वाली लाइन), सिग्नलों आदि का परीक्षण किया गया। इसके लिए आईआईटी से आई ट्रेन को मोतीझील में खाली कर आगे ले जाया गया। डाउन लाइन में लगाई गई थर्ड रेल को पहली बार चार्ज भी किया गया। इससे पहले 12 जुलाई को नयागंज स्टेशन तक अप-लाइन पर पहली बार मेट्रो ट्रेन दौड़ाई गई थी।

थर्ड रेल का प्रयोग करती हैं मेट्रो
अब आईआईटी से नयागंज तक लगभग 15 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट पर ट्रेन चलाने का रास्ता तैयार कर लिया गया है। इस सिस्टम में करंट की सप्लाई हरदम चालू मानी जाएगी। 750 वोल्ट डीसी करंट पर चलने वाली मेट्रो ट्रेनें परिचालन के लिए पारंपरिक तौर पर प्रयोग होने वाली ओएचई (ओवर हेड इक्युपमेंट) प्रणाली की जगह पर ट्रैक के समानांतर बिछी हुई थर्ड रेल का प्रयोग करती हैं।

शुक्रवार को मेट्रो के ट्रायल के दौरान सिग्नलिंग, ट्रैक, पावर सप्लाई आदि की जांच में मिले डाटा का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे परिचालन में मदद मिलेगी। विभिन्न विभागों के आपसी तालमेल और सहयोग से नयागंज अंडरग्राउंड स्टेशन तक सिस्टम इंस्टॉलेशन के कार्य लगभग पूरे किये जा चुके हैं। जल्द ही इन स्टेशनों के फिनिशिंग का भी कार्य पूरा कर लिया जाएगा।  -सुशील कुमार, एमडी, यूपीएमआरसी

कॉरिडोर-2 के दोनों सेक्शनों में भी चल रहा निर्माण
लगभग 24 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-1 (आईआईटी-नौबस्ता) के अंतर्गत मेट्रो की यात्री सेवाएं 9 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर (आईआईटी-मोतीझील) पर चल रहीं हैं। चुन्नीगंज-नयागंज और कानपुर सेंट्रल-ट्रांसपोर्ट नगर भूमिगत सेक्शन के अलावा लगभग 5 किलोमीटर लंबे बारादेवी-नौबस्ता एलिवेटेड सेक्शन में भी निर्माण तेजी से हो रहा है। लगभग 8.60 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर-2 (सीएसए-बर्रा 8) के दोनों सेक्शनों में भी निर्माण हो रहा है।

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