कानपुर: हैलट में होगी रोबोटिक सर्जरी, मंधना से उन्नाव सीमा तक फोरलेन होगी सड़क

नए साल में हैलट में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे गंभीर रोगियों की सटीक और सुरक्षित ऑपरेशन हो सकेंगे। सर्जरी करने वाला रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से लैस होगा। ऐसे में किसी चूक की गुंजाइश भी नहीं रहेगी। अगर कहीं गलती होने वाली होगी तो एआई पहले ही सतर्क कर देगा। मसलन एआई सेो यह संदेश मिल सकता है कि जिस अंग की सर्जरी हो रही है, उसके नजदीक दूसरे अंग में चोट लग सकती है। सावधानी बरतें। अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी छह महीने में शु्रू हो जाएगी।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज रोबोटिक सर्जरी शुरू करने वाला प्रदेश का पहला मेडिकल कॉलेज होगा। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि अभी सिर्फ एसजीपीजीआई, लखनऊ में रोबोटिक सर्जरी होती है। सर्जरी विभाग में रोबोटिक सर्जरी मेक इन इंडिया के तहत शुरू की जा रही है। एक कंपनी के सीएसआर फंड से रोबोट उपलब्ध कराया जाएगा। यह रोबोट अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। रोबोट के साथ कंपनी 200 सर्जरी करने के लिए सामान निशुल्क उपलब्ध कराएगी।

कंपनी पांच साल तक उपकरण का रखरखाव भी करेगी। इससे रोगियों को यह सुविधा सरकारी फीस पर उपलब्ध हो जाएगी। डॉ. काला ने बताया कि निजी क्षेत्र में रोबोटिक सर्जरी कराने पर एक लाख रुपये से अधिक खर्च आता है। विभाग को मिलने वाले रोबोट का अपग्रेडेबिल मॉडल है। इसका मतलब है कि अगर रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में कोई नया सिस्टम आएगा तो इस रोबोट को ही अपग्रेड कर लिया जाएगा।

थ्री डायमेंशनल होगा रोबोट
रोबोटिक सर्जरी का उपकरण थ्री डायमेंशनल होगा। इससे 360 डिग्री के एंगल पर घूमकर भी सर्जरी कर ली जाती है। हाथ से सर्जरी करने पर 170-180 डिग्री तक ही घूमा जा सकता है। इससे सर्जरी किए जाने वाले अंग की इमेज का मैग्नीफिकेशन 30 गुना अधिक बढ़ जाता है। लैप्रोस्कोप से मैग्नीफिकेशन 15 गुना तक ही हो पाता है।

इन रोगियों को मिलेगी सुविधा
अभी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा कैंसर, मूत्र तंत्र, गॉल ब्लैडर, पैंक्रियाज, पेट, पेल्विस, गले, सांस की नली, खाने की नली और थायराइड आदि के रोगियों को उपलब्ध कराई जाएगी। हैलट के सर्जरी विभाग में ऑपरेशन के लिए इन्हीं के रोगी अधिक आते हैं।

बैराज मार्ग के दोनों तरफ बनेगा फुटपाथ, 159 है लागत
मंधना से उन्नाव सीमा तक जाने वाला गंगा बैराज राज्यमार्ग को फोरलेन करने का काम फरवरी तक शुरू हो जाएगा। इस फोरलेन सड़क में डिवाइडर और दोनों तरफ फुटपाथ भी बनेंगे। कन्नौज, दिल्ली से लखनऊ की तरफ आने-जाने वाले वाहन इस मार्ग से गुजर सकेंगे। इससे शहर को जाम से राहत मिलेगी। 12 कंपनियां इसके लिए टेंडर डाल चुकी हैं। टेक्निकल बिड में छह कंपनिया खरी उतरी हैं। अब इनका परीक्षण पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में होगा। शासन ने एक साल पहले मंधना से गंगा बैराज, शुक्लागंज (उन्नाव) होते हुए मोहनलालगंज (लखनऊ) तक 104 किलोमीटर लंबे मार्ग को स्टेट हाईवे घोषित किया था।

तीन दिन में टेक्निकल बिड का अध्ययन कर लेगी कमेटी
नगर में मंधना से उन्नाव जिले की सीमा तक 17 किलोमीटर लंबा यह मार्ग दो लेन का है। पीडब्ल्यूडी ने इसे चार लेन का करने, बीच में डिवाइडर और दोनों तरफ फुटपाथ निर्माण के लिए 159 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया था। इसमें से करीब 122.50 करोड़ रुपये से निर्माण और शेष धनराशि बिजली के पोल शिफ्ट करने, पेड़ कटवाने, उनसे दस गुना ज्यादा पौधे रोपित करने आदि पर खर्च होंगे। पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अभियंता ने बताया कि पीडब्लूडी की प्रहरी कमेटी दो-तीन दिन में टेक्निकल बिड का अध्ययन कर लेगी। इसके बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। एल-1 आने वाली कंपनी को कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा। जनवरी में ही कार्य शुरू हो सकता है।

तीन हजार बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का रखा लक्ष्य
बेरोजगारी दूर करने लिए नए साल में हर तीसरे दिन रोजगार मेले लगाए जाएंगे। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत ये रोजगार मेले विकास खंड स्तर पर लगाए जाएंगे। कौशल विकास मिशन की ओर से इन रोजगार मेलों का आयोजन कराया जाएगा। पांच जनवरी को पहला रोजगार मेला कल्याणपुर ब्लाॅक में लगेगा। इनमें तीन हजार से ज्यादा युवाओं को नौकरी दिलाने का लक्ष्य रखा गया है। कौशल विकास मिशन के जिला समन्यवयक और राजकीय आईटीआई पांडुनगर के प्रधानाचार्य डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि जनवरी में दस रोजगार मेले आयोजित होंगे।

पनकी और घाटमपुर पॉवर प्लांट होंगे शुरू, बनेगी 1320 मेगावाट बिजली
नए साल में शहर भी ऊर्जा उत्पादन में नए कीर्तिमान गढ़ेगा। पनकी और घाटमपुर के पॉवर प्लांट से 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होगा। पनकी पॉवर प्लांट से बिजली का उत्पादन नए साल में शुरू होगा। मार्च 2024 में 660 मेगावाट यूनिट से करीब 100 मेगावाट तक बिजली का उत्पादन ऑयल सिंक्रोइनाइजेशन के माध्यम से होगा। मई में कोयले से बिजली का आंशिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। करीब 400 मेगावाट बिजली बनने लगेगी। सितंबर में पूरी तरह से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। वहीं, घाटमपुर में नेयवेली लिग्नलाइट पॉवर प्लांट की 660 मेगावाट की एक इकाई से फरवरी में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस इकाई का ऑयल सिंक्रोनाइजेशन के बाद आंशिक रूप से उत्पादन शुरू हो चुका है। यहां की 660-660 मेगावाट की दो अन्य इकाइयों से बिजली का उत्पादन भी जल्द शुरू हो जाएगा।

गोविंदपुरी और पनकीधाम स्टेशन हो जाएंगे विकसित
अमृत भारत स्टेशन के तहत गोविंदपुरी और पनकीधाम रेलवे स्टेशन का काम पूरा हो जाएगा। मार्च 2024 में दोनों स्टेशनों को विकसित कर यहां पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने का काम चल रहा है। अप्रैल से तो गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को टर्मिनल का दर्जा मिल जाएगा। इसके बाद यहां से ट्रेनें चलेंगी और टर्मिनेट (गंतव्य स्टेशन) होंगी।

रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की पड़ेगी नींव
98 हेक्टेयर (243 एकड़ भूमि) पर बनने वाले बहुप्रतीक्षित रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की फरवरी में नींव पड़ेगी। क्लस्टर के पूरी तरह से बनने के बाद सालाना 13 हजार करोड़ का कारोबार हो सकेगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। 55 एकड़ में 175 टेनरियों की स्थापना की जाएगी। यहां पर चमड़ा, चमड़ा के उत्पाद बनाने के लिए टेनरियों के अलावा फ्लैटेड फैक्टरी का निर्माण किया जाना है।

दिसंबर में तैयार हो जाएगी शहर की पहली फ्लैटेड फैक्टरी
दादानगर में बन रही पहली फ्लैटेड फैक्टरी में 50 प्रतिशत इकाइयों का आवंटन उद्यमियों को हो गया है। केंद्र और प्रदेश सरकार के सहयोग से बन रही फ्लैटेड फैक्टरी दिसंबर 2024 में बनकर तैयार हो जाएगी। 65 करोड़ से बनने वाली फ्लैटेड फैक्ट्री में होजरी, रेडीमेड की 144 इकाइयां बनेंगी। भूतल समेत चार मंजिला इमारत बनाई जा रही है। यूपीएसआईसी के अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार बाजपेई ने बताया कि फ्लैटेड फैक्टरी में प्रदूषण रहित इकाइयों को लगाया जाएगा। 50 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

मार्च में डिफेंस कॉरिडोर में शुरू होगा उत्पादन
मार्च में साढ़ स्थित डिफेंस कॉरिडोर में मशीनों के लगने के साथ शुरुआती स्तर पर उत्पादन शुरू होगा। उपायुक्त उद्योग सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कॉरिडोर में हथियार-गोला बारूद बनाने के लिए मशीनों के लगने का काम शुरू हो जाएगा। एंसीलरी इकाई के लिए क्लस्टर बनाया जाएगा। करीब डेढ़ से दो लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। रक्षा-प्रतिरक्षा उत्पादों का हब शहर बन सकेगा। साढ़ में डिफेंस क्लस्टर बनेंगे। इससे नई एमएसएमई इकाइयां खुलने की संभावना बढ़ेगी। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर चार से पांच लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा।

40 बेड का होगा बर्न सेंटर, 50 लाख रुपये के बजट का प्रस्ताव भेजा गया
नए साल में बर्न रोगियों के जले अंगों के जख्मों को हैलट में आराम मिलेगा। अस्पताल में बर्न वार्ड छह महीने के अंदर शुरू हो जाएगा। यहां रोगियों को इलाज की उच्चीकृत सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही प्लास्टिक सर्जरी हो जाएगी। जले अंगों को सर्जरी से ठीक कर दिया जाएगा। खराब हुए अंगों को दोबारा बना दिया जाएगा। हैलट में 17 जिलों के बर्न रोगी इलाज के लिए आते हैं। अभी मंडल के जिलों में एक ही बर्न वार्ड उर्सला में है। यहां के बेड भर जाने पर रोगियों को लखनऊ रेफर किया जाता है। हैलट का पुराना बर्न वार्ड कोविड काल में बंद हो गया था। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि आधा से ज्यादा काम हो गया है। सिविल कार्य और उपकरणों के लिए शासन को 50 लाख रुपये के बजट का प्रस्ताव भेजा गया है। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि बर्न सेंटर में 20 बेड का आईसीयू होगा। इसके अलावा 10 बेड का महिला और 10 बेड का पुरुष वार्ड होगा। सेंटर का प्रभारी सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रेम शंकर को बनाया गया है। डॉ. शंकर प्लास्टिक सर्जन भी हैं। आईसीयू में वेंटिलेटर की सुविधा तो रहेगी ही, इसे अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाएगा।

न्यू कानपुर सिटी में हजारों परिवारों का पूरा हो सकता है आशियाने का सपना
न्यू कानपुर सिटी परियोजना से इस साल हजारों परिवारों का आशियाने का सपना पूरा होगा। 800 करोड़ से ज्यादा की बहुप्रतीक्षित परियोजना की शुरुआत होगी। कल्याणपुर-सिंहपुर और मैनावती मार्ग के बीच परियोजना विकसित की जाएगी। वहीं, करीब 70 करोड़ से पनकी पड़ाव रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण को हरी झंडी मिल सकती है। वीआईपी रोड में आनंदेश्वर कॉरिडोर मुख्य द्वार के पास से गंगा पर नए पुल का निर्माण शुरू हो सकता है। इसके अलावा फरवरी में मोतीझील में वृद्धों के लिए नवनिर्मित डे केयर सेंटर का लोकार्पण होगा। सीएम ग्रिड योजना के तहत 100 करोड़ से प्रमुख सड़कें बनेंगी।

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