कानपुर: सफाईकर्मी की कुल्हाड़ी मारकर हत्या, सात माह की गर्भवती पत्नी भी मरणासन्न…रेफर

कानपुर के घाटमपुर में सजेती थाना क्षेत्र के अकबरपुर बीरबल में शनिवार की शाम नाली व बारिश का पानी निकलने को लेकर पड़ोसी ने सफाईकर्मी को कुल्हाड़ी से काट डाला। बचाने आई सात माह की गर्भवती पत्नी को भी कुल्हाड़ी से हमलाकर मरणासन्न कर दिया। उसे कानपुर रेफर किया गया है। पुलिस ने हत्यारोपी को हिरासत में ले लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

दोनो के बीच दो साल से तालाब की जमीन में कब्जे को लेकर खुन्नस चल रही थी। अकबरपुर बीरबल निवासी अरविंद निषाद (30) सफाई कर्मी पद पर तैनात था। उसका अपने पड़ोसी मूलचंद्र निषाद से काफी समय से पानी निकासी को लेकर विवाद चल रहा था। शनिवार को आरोपी मूलचंद्र ने पानी न निकलने को लेकर छेंक लगा दिया।

इसी बात को लेकर दोनो के बीच विवाद होने लगा। तभी आरोपी ने अरविंद पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार कर दिए। जिससे अरविंद ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसी दौरान अरविंद की सात माह की गर्भवती पत्नी उसे बचाने पहुंची तो आरोपी ने उस पर भी कुल्हाड़ी हमला कर दिया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।

पानी निकलने के विवाद में घटना को दिया अंजाम
ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल ममता को सीएचसी भेजा। जहां से उसे नाजुक हालत होने पर हैलट रेफर कर दिया गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाकर जांच पड़ताल की। थाना प्रभारी ब्रजमोहन ने बताया कि हमलावर मूलचंद्र को कुल्हाड़ी समेत हिरासत में ले लिया गया है। पानी निकलने के विवाद में घटना को अंजाम दिया गया है।

ढाई साल की बच्ची को पड़ोसियों ने संभला
पिता की हत्या होने और मां के मरणासन्न होने के बाद ढाई साल की बच्ची श्रेया घर में अकेली रह गई। उसको पड़ोसियों ने सम्हाल रखा था। बच्ची पूरे घटनाक्रम को देखने व माता पिता के बिना परेशान दिखी। हालांकि पड़ोसी उसे बहलाने का प्रयास करने में जुटे हुए थे।

दो दिन पहले विवाद होने पर गए थे थाने
ग्रामीणों की मानें, तो दो दिन पहले दोनो पक्षों में विवाद हुआ था। जिस पर दोनो पक्ष थाने भी गए थे। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई न कर उनको चलता कर दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि यदि पुलिस कार्रवाई कर देती,तो शायद यह घटना न होती। हालांकि थाना प्रभारी ने दोनो पक्षों के थाने की बात से इंकार किया। ग्रामीणों ने बताया कि दोनो के घर ग्राम समाज की भूमि पर बने हैं। दोनो के बीच दो साल पहले जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था। तब से उनके बीच खुन्नस चली आ रही थी।

बड़े भाई के आने तक पुलिस को नहीं उठाने दी लाश
परिजनों ने पुलिस को तब तक शव नहीं उठाने दिया जब तक मृतक अरविन्द का बड़ा भाई हरिश्चंद्र नहीं आ गया। घटना की खबर मिलने पर हरिश्चंद्र को इटावा से आना था। बताया जाता है कि पुलिस के समझाने के बाद भी हरिश्चंद्र ने साफ साफ कह दिया कि जब तक वह न आ जाए तब तक लाश पोस्टमॉर्टम को नहीं जाएगी। वहीं घटना के बाद हत्यारोपी का दामाद व परिजन घर में ताला डालकर फरार हो गए।

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