कानपुर: केडीए की योजनाओं में ढेरों अव्यवस्थाएं, मुश्किलों में जी रहे हैं लाखों लोग
सड़क, पानी, सीवर लाइन जैसी मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी। इस आस के साथ केडीए की आठ योजनाओं में प्लॉट लेने वाले करीब एक लाख आवंटी मायूस हैं। इन योजनाओं की सड़कें, फुटपाथ टूटे हैं। नालियां और सीवर लाइन चोक पड़ी हैं। बारिश में जलभराव से स्थिति और भी नारकीय हो जाती है। पार्क भी अविकसित होने के साथ गंदगी से पटे हैं। आवंटी कई साल से केडीए के चक्कर लगा रहे हैं, पर कोरे आश्वासन ही मिल रहे हैं।
योजनाएं अभी तक नगर निगम को भी हस्तांतरित नहीं की गई हैं। नगर निगम और जलकल विभाग के अभियंताओं की संयुक्त टीम ने निरीक्षण कर समस्याओं के निस्तारण के लिए 56 करोड़ का इस्टीमेट बनाया है। केडीए भी इन आवासीय एवं व्यावसायिक योजनाओं को हस्तांतरित करने के लिए तैयार हो गया है। हालांकि बड़ा सवाल है कि समाधान कब मिलेगा। कहा तो जा रहा कि जून में चुनाव आचार संहिता खत्म होते ही टेंडर कराकर काम शुरू कराए जाएंगे।
कमिश्नर के निर्देश पर संयुक्त कमेटी ने सर्वे कर बनाया है इस्टीमेट
मंडलायुक्त अमित गुप्ता की अध्यक्षता में 30 अप्रैल को हुई बैठक में केडीए की विकसित योजनाओं को नगर निगम को हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत दोनों विभागों के संबंधित क्षेत्रों के अभियंताओं की संयुक्त कमेटी कमेटी ने योजनाओं का निरीक्षण किया था।
28 करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया है
सड़क, नाली, नाला, फुटपाथ, पार्क आदि की मरम्मत और रखरखाव के लिए 28.18 करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया। नगर निगम के मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी ने यह धनराशि नगर निगम को देने के साथ ही हस्तांतरण संबंधी अग्रिम कार्रवाई के लिए केडीए के मुख्य अभियंता आशु मित्तल को पत्र लिखा है। इसी तरह जलकल विभाग और केडीए के अभियंताओं की कमेटी ने सर्वे कर 28 करोड़ का इस्टीमेट तैयार किया है।
केडीए की आठों आवासीय, व्यावसायिक योजनाएं नगर निगम और जलकल विभाग को हस्तांतरित करने के लिए दोनों विभागों से सहमति बन गई है। इन योजनाओं में जो विकास अधूरे हैं, उन्हें पूरा करने के लिए संयुक्त कमेटियों ने सर्वे भी कर लिया है। इस्टीमेट भी तैयार हो गया है। जल्द ही योजनाएं हस्तांतरित हो जाएंगी। इन योजनाओं में रह रहे लोगों को मूलभूत समस्याओं से निजात मिलेगी। -आशु मित्तल, मुख्य अभियंता, केडीए
इन योजनाओं में हैं समस्याएं
महावीरनगर, कालपीनगर, कालिंदीनगर, शताब्दीनगर फेज-1 से 5, न्यू ट्रांसपोर्टनगर फेज-1, फेज-3, हाईवे सिटी विस्तार पार्ट-1, चंद्रनगरी पार्ट-3 सनिगवां, सजारी।
योजनाओं का हाल
महावीरनगर
महावीरनगर, पनकी में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक साल पहले बने फ्लैटों के आसपास सड़कें खराब हैं। जिन टावरों में ये फ्लैट बने हैं, उनके आसपास कूड़े के ढेर लगे हैं। पानी की व्यवस्था ठीक न होने के कारण पीने का पानी बाहर से लाना पड़ता है। लोगों ने नलों से गंदा पानी आने की शिकायत की।
शताब्दीनगर
शताब्दीनगर फेज-1 की टूटी सड़कों पर अंधाकुप रहता है। सड़कें ऊबड़-खाबड़ हैं। बारिश के मौसम में घरों में भी पानी भर जाता है। नारायण चौराहे के पास इसी समस्या को लेकर के क्षेत्रीय लोगों ने बरसात में एक सप्ताह तक धरना भी दिया था, लेकिन समस्या जस की तस है। शताब्दीनगर फेज-2 में गोविंद चौराहे के पास गंदगी फैली रहती है। सीवर लाइन चोक हैं। स्ट्रीट लाइटें भी खराब हैं।
क्या कहते हैं लोग
शताब्दीनगर फेज-4 की सड़कें खराब हैं। पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही। लोग घरों में सबमर्सिबल लगवाकर प्यास बुझा रहे हैं। -रमेश कुमार, महावीर नगर
फ्लैटों के आसपास कूड़े के ढेर लगे हैं। गंदगी के कारण रिश्तेदारों को बुलाने का मन नहीं करता। यदि आ भी गए तो उन्हें अपार्टमेंट के पीछे की तरफ बने दूसरे रास्ते से लाते हैं। पानी की बहुत बड़ी समस्या है। -प्रदीप यादव, शताब्दीनगर फेज-वन
मोहल्ले में बारिश के दौरान बहुत ज्यादा जलभराव होता है। टूटी सड़कों के गड्ढों की वजह से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सफाई कर्मी को रुपये देकर चोक सीवर लाइनें साफ करानी पड़ती हैं। -मुन्ना सिंह, रामगंगा स्कीम, फेज-तीन