कानपुर: महापौर के निर्देश- अब नहीं छोड़े जाएंगे पकड़े गए छुट्टा मवेशी, पढ़े पूरी खबर

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि महापौर के निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। चार कैटल कैचिंग दस्तों ने बिरहाना रोड, सुतरखाना, घंटाघर, स्वरूपनगर, आर्यनगर, वीआईपी रोड से 39 गाय और पांच सांड़ पकड़े गए।

कानपुर में गोवंश के हमले से तीन दिन में एक व्यक्ति की मौत और दो लोगों के घायल होने के बाद नगर निगम ने अब पकड़े गए गोवंशों को न छोड़ने का फैसला लिया है। अभी तक जुर्माना लेने के बाद कांजीहाउस से गोवंश छोड़ दिए जाते थे। अब महापौर ने निर्देश दिए हैं कि पकड़े गए छुट्टा गोवंश छोड़े नहीं जाएंगे।

उधर, गुरुवार को कैटल कैचिंग दस्तों ने 44 छुट्टा मवेशी पकड़े, इन्हें किशनपुर स्थित कान्हा उपवन में रखा गया है। नगर निगम कैटल कैचिंग विभाग जिन मवेशियों को पकड़ता है, उन्हें पांच हजार रुपये और खुराकी शुल्क लेकर छोड़ दिया जाता है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि मवेशियों को पशुपालक सुबह-शाम दूध निकालने के बाद सड़कों पर छोड़ देते हैं।

इसलिए फैसला लिया गया है कि जो भी मवेशी सड़क पर छुट्टा घूमते मिलेंगे, उन्हें नगर निगम पकड़ने के बाद अब किसी भी स्थिति में नहीं छोड़ेगा। इसके लिए हर्जाना भी मान्य नहीं होगा। उन्होंने कैटल कैचिंग विभाग को निर्देश दिए हैं कि प्रतिदिन न्यूनतम चार दस्ते सड़क पर घूम रहें पशुओं को पकड़ें।

महापौर के निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है
उधर, नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आरके निरंजन ने बताया कि महापौर के निर्देश को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। चार कैटल कैचिंग दस्तों ने बिरहाना रोड, सुतरखाना, घंटाघर, स्वरूपनगर, आर्यनगर, वीआईपी रोड से 39 गाय और पांच सांड़ पकड़े गए।

ढाई माह में पकड़े 1277 छुट्टा मवेशी
नगर निगम के रिकार्ड के अनुसार सितंबर में 839 मवेशी पकड़े गए थे, इनमें 379 सांड़ और 460 गाय शामिल हैं। गायों के मालिकों से 2,49,300 रुपये जुर्माना वसूला गया। इसी तरह अक्तूबर में 574 मवेशी पकड़े गए थे, इनमें 175 गाय, 390 सांड़ शामिल हैं। इसमें 1,33,550 रुपये जुर्माना वसूला गया।

गोशाला में 2000 मवेशी रखे जा सकेंगे
इस माह गुरुवार तक 67 गाय और 247 सांड़ गोशाला में संरक्षित किए गए। नंदीशाला पनकी, कान्हा उपवन किशनपुर और डिफेंस काॅलोनी कांजी हाउस में लगभग 6600 मवेशी संरक्षित हैं। कान्हा उपवन के बगल में राधिका उपवन बन रहा है। तीन महीने में बनने वाली इस गोशाला में 2000 मवेशी रखे जा सकेंगे।

Back to top button