कानपुर: मार्च में मोदी रख सकते रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की नींव
कानपुर में चमड़ा उद्योग के लिए संजीवनी साबित होने वाले रमईपुर मेगा लेदर क्लस्टर की नींव मार्च के पहले सप्ताह में पड़ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी आधारशिला रख सकते हैं। इस दिशा में तैयारी की जा रही है। यहां पर 175 टेनरियों की स्थापना की जाएगी। एक स्थान पर चमड़ा उद्योग आने से हर साल गंगा को लेकर होने वाली अघोषित बंदी खत्म हो जाएगी।
यहां सालाना 13 हजार करोड़ रुपये के उत्पादन का लक्ष्य है। निर्यात भी दो गुना होगा। इसके अलावा यहीं पर कॉमन फैसिलिटी सेंटर भी बनेगा। चार साल पहले केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। 98 हेक्टेयर (243 एकड़) में बनने वाले क्लस्टर में यूपीसीडा ने सदर तहसील के ग्राम कुरौना बहादुरनगर और मगरसा में 42.08 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत करके मेगा लेदर क्लस्टर को हस्तांतरित कर दी गई थी।
बीच में राजस्व विभाग की 35.23 हेक्टेयर भूमि आ आई थी। अब इस भूमि की अदला-बदली की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। एक रजिस्ट्री की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है। गुरुवार तक यह प्रक्रिया पूरी होने की संभावना जताई गई है। बताया गया कि यहां पर करीब छह हजार करोड़ का निवेश आएगा। इसके अलावा प्रत्यक्ष तौर पर 50 हजार लोगों को और अप्रत्यक्ष तौर पर डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
20 एमएलडी क्षमता वाला ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा
क्लस्टर में जूते, सैडलरी के अलावा अन्य चमड़ा उत्पादों की फ्लैटेड इकाइयों समेत 175 टेनरियों की स्थापना की जाएगी। मेगा लेदर क्लस्टर के बनने से टेनरियों की बंदी जैसी समस्या का समाधान हो जाएगा। चर्म निर्यात परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरके जालान ने बताया कि 243 एकड़ वाले प्रोजेक्ट में 55 एकड़ में टेनरी स्थापित की जाएंगी। 30 फीसदी ग्रीन बेल्ट होगी। यहां पर 20 एमएलडी क्षमता वाला ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा।
जमीन की अदला-बदली संबंधी प्रक्रिया अंतिम चरण में
इसके अलावा प्रदर्शनी स्थल, कॉमन फैसिलिटी सेंटर जैसी सुविधाएं यहां पर मिलेंगी। यहां पर सालाना 13 हजार करोड़ का कारोबार हो सकेगा। उन्होंने बताया कि चुनाव अधिसूचना लागू होने से पहले इसकी नींव पड़ सकती है। प्रधानमंत्री का कार्यक्रम लेने का प्रयास किया जा रहा है। उपायुक्त उद्योग सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जमीन की अदला-बदली संबंधी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इससे शहर के चमड़ा उद्योग को खासा लाभ होगा। चमड़ा कारोबारियों को एक छत के नीचे सभी सुविधाएं मिल सकेंगी।