कानपुर: हैलट में शुरू होगी ऑक्सीजन थैरेपी, जल्द भरेंगे जख्म…

कानपुर के हैलट अस्पताल में छह महीने में हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थैरेपी (एचबीओटी) शुरू हो जाएगी। इस थैरेपी के शुरू होने से उन रोगियों को राहत मिलेगी, जिनके घाव जल्दी भरते नहीं हैं। हादसों के घायलों, डायबिटिक फुट के रोगियों के घावों की सड़न ठीक होगी। इसके अलावा न्यूरो के रोगियों, खास तरीके के बहरेपन के रोगियों, रेडियो थैरेपी से जली त्वचा के रोगियों को भी राहत मिलेगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि जैम पोर्टल की सूची में एचबीओटी का चैंबर नहीं है। इसकी अलग से व्यवस्था की जा रही है। एचबीओटी की सुविधा छह महीने के अंदर हैलट में मिलने लगेगी।

हाई प्रेशर से दी जाएगी ऑक्सीजन, घाव नहीं बन पाएंगे गैंगरीन
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि इस थैरेपी में हाई प्रेशर से रोगी को ऑक्सीजन दी जाती है। इससे शरीर के हल्के संक्रमण भी ठीक हो जाते हैं। इसके साथ घावों की सड़न रुकती है। बहुत से घाव गैंगरीन बन जाते हैं, जिससे रोगियों के अंग काटने पड़ते हैं। इस थैरेपी के इस्तेमाल से पुराने घाव गैंगरीन की स्थिति तक नहीं पहुंचने पाएंगे। इसके अलावा बहुत से रोगियों को कैंसर के इलाज के तहत रेडिएशन दी जाती है। इससे त्वचा की पर्तें जल जाती हैं। उसमें भी रोगियों को आराम मिलेगा। इससे त्वचा की कोशिकाएं फिर स्वस्थ होने लगेंगी।

तंत्रिकाओं को भी खराब होने से बचाएगी यह थैरेपी
इसके अलावा न्यूरो की बहुत सी बीमारियां हैं, जिनमें ऑक्सीजन की कमी के कारण तंत्रिकाएं खराब होने लगती हैं। इसके बाद रोगी को दिक्कत होती है। इन रोगियों को भी एचबीओटी से लाभ मिलेगा। इसी तरह कान की तंत्रिकाओं में खराबी आने के कारण बहरेपन की शिकायत हो जाती है। इसके अलावा यह थैरेपी एंटी एजिंग में भी कारगर है। उन्होंने बताया कि एचबीओटी सेंटर सर्जरी विभाग के तहत काम करेगा। सेंटर में मोनो चैंबर मंगाया जा रहा है। इस चैंबर से थैरेपी ज्यादा कारगर होती है। जैम पोर्टल की सूची में एचबीओटी चैंबर न होने के कारण अलग से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।

ऐसे करेगी काम
प्लास्टिक के पारदर्शी चैंबर में रोगी को 45 मिनट बैठाया जाता है। इसमें सामान्य से सात गुना प्रेशर से ऑक्सीजन दी जाती है। प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है। इससे रोगी के शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ता है। नष्ट होने वाली कोशिकाओं को ऑक्सीजन मिलने लगता है, जिससे वे स्वस्थ होने लगती हैं। घाव के आसपास कोशिकाओं को ऑक्सीजन न मिलने की वजह से सड़न होती है। शरीर में लाल रक्त कणिकाएं ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। जिनका हीमोग्लोबिन कम होगा, उन रोगियों को भी राहत मिलेगी।
हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थैरेपी अधिक ऑक्सीजन देकर रोग ठीक करने की विधा है। इससे पुराने घावों, डायबिटिक फुट के अलावा न्यूरो आदि की 12 बीमारियों में लाभ मिलेगा। शरीर की उन बीमार कोशिकाओं को स्वास्थ्य लाभ होता है, जिनसे गंभीर बीमारियां होने की आशंका रहती है। एचबीओटी को छह महीने में शुरू करने की तैयारी है। -डॉ. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज

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