कानपुर: कमरे में छह दिन तक फंदे पर लटकी रही लाश, ऐसे खुला राज

कानपुर के शुक्लागंज के गंगाघाट कोतवाली इलाके के आदर्श नगर मोहल्ले में पत्नी के मायके जाने से दुखी पति ने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। शव छह दिन तक फंदे पर लटका रहा। शनिवार को कमरे से दुर्गंध उठने पर किराएदारों ने मकान मालिक को जानकारी दी।

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव बाहर निकाला। छह दिनों तक फंदे पर लटके रहने की वजह से शव में कीड़े पड़ गए थे। बांदा जिले के भुजौली गांव निवासी मोनू उर्फ बऊवा कश्यप (40) लगभग डेढ़ महीने से आदर्श नगर मोहल्ले में कृष्णा नगर निवासी सुनील कुमार प्रजापति के मकान में किराए का कमरा लेकर रहता था।

उसके साथ पत्नी मालती, दो बेटे और एक बेटी भी रहते थे। बताया जा रहा है कि मोनू उर्फ बऊवा कश्यप नशे का लती था। पति की नशेबाजी से परेशान होकर पत्नी 23 जनवरी को झगड़ कर मायके चली गई थी। छह दिन पहले उसने कमरा बंदकर लोहे के कुंडे से फंदा लगाकर जान दे दी।

शनिवार को कमरे से दुर्गंध आने पर किरायेदारों ने इसकी जानकारी मकान मालिक को दी। मकान मालिक की सूचना पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रामफल प्रजापति फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। फोरेंसिंक टीम व डॉग स्क्वाड को बुलाकर जांच पड़ताल कराने के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
पुलिस ने किराएदारों से पूछताछ की तो बताया गया कि छह दिन से कमरा बंद था। युवक किसी से मतलब नहीं रखता था। उधर, जानकारी मिलने पर उसकी तीन विवाहित बहनें पूनम, अन्नू और गुड्डी मौके पर पहुंची। बहनों ने बताया कि बऊवा इकलौता भाई था। नशेबाजी की वजह से भाई के पत्नी से अच्छे संबंध नहीं थे। पत्नी फतेहपुर स्थित मायके जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन उसका भी अता पता नहीं है।

दोनों परिवारों की बगैर रजामंदी के की थी शादी
फतेहपुर के झौआपुर गांव निवासी ससुर छोटे लाल ने बताया कि उनकी इकलौती बेटी मालती को बऊवा बहलाफुसला कर ले गया था। दोनों परिवार की बगैर रजामंदी के लव मैरिज कर ली। इसको लेकर पुलिसिया कार्रवाई तक हुई। इसके बाद से उन्होंने बेटी से नाता तोड़ लिया था। बेटी इस समय कहां है, उन्हें नहीं पता। दो नाती सूरज, राजा और नातिन सोना भी अपनी मां के साथ है।

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