कानपुर: सबसे बूढे़ बाघ प्रशांत ने तोड़ा दम, लंबे समय से चल रहा था बीमार
कानपुर चिड़ियाघर में अब बाघ प्रशांत की गुर्राहट नहीं सुनाई देगी। वह सदा के लिए सो चुका है। वह प्राणी उद्यान का सबसे बूढ़ा बाघ था। उसकी उम्र 19 वर्ष थी। पीआरओ विश्वजीत तोमर ने बताया वह लंबे समय से बीमार था।
कुछ समय पहले उसे लकवा मार गया था। उसके पीछे के दोनों पैर भी काम नहीं कर रहे थे। इन दिनों चिड़ियाघर स्थित अस्पताल में डॉक्टर अनुराग सिंह की टीम उसका इलाज कर रही थी। बीते कुछ दिनों से उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ था।
एक पैर काम भी करने लगा था। बुधवार शाम उसके भोजन दिया गया फिर वह सो गया। सुबह अस्पताल कर्मियों ने उसमें कोई हलचल नहीं देखी तो डॉक्टर को सूचना दी। जांच की गई तो उसकी सांसे थम चुकी थीं।
तेंदुआ श्याम की भी बीमारी से हो गई थी मौत
पीआरओ के मुताबिक शव का पोस्टमार्टम कराकर अस्पताल के पास बने विद्युत शव दाह गृह में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। बता दें बुधवार दोपहर तेंदुआ श्याम (17) की भी बीमारी से मौत हो गई थी। दो दिन में दो प्राणियों की मौत से यहां शोक का माहौल है।