कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सात राज्यों में कड़ा मुकाबला
पांच नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है। मगर सबकी निगाहें अमेरिका के सात स्विंग राज्यों पर टिकीं हैं। यहां कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर है। यही वजह है कि दोनों प्रत्याशियों ने यहां अपना पूरा दमखम लगा रखा है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी ने सबसे अधिक ताकत पेंसिल्वेनिया में झोकी है। यहां 19 इलेक्टोरल सीटें हैं।
यहां पिछले 28 साल में सिर्फ एक बार रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली है। उधर, नार्थ कैरोलिना ने डेमोक्रेटिक पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आखिरी बार 2008 में ड्रेमोक्रेट उम्मीदवार के तौर पर बराक ओबामा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद से पिछले तीन चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली है। स्विंग राज्यों में जीतने वाला ही प्रत्याशी राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचेगा।
पेंसिल्वेनिया
पेंसिल्वेनिया में ट्रंप ने कमला हैरिस के मुकाबले मामूली बढ़त बना रखी है। यहां ट्रंप को 48.5 फीसदी समर्थन मिला है। वहीं कमला हैरिस के पक्ष में 47.4 फीसदी मतदाता हैं। यह खुलासा एटलसइंटेल की सर्वे में हुआ। मैरिस्ट के सर्वे के मुताबिक हैरिस को 50 और ट्रंप को 48 फीसदी समर्थन मिलता दिख रहा है। वहीं यूएसए टुडे सफोक के सर्वेक्षण में ट्रंप और हैरिस के बीच बराबरी दिख ही है। दोनों के पक्ष में 49 फीसदी मतदाता खड़े हैं। पिछले चुनाव में यहां जो बाइडन को जीत मिली थी।
मिशगन
मैरिस्ट के सर्वे में कमला हैरिस मिशगन में आगे चल रही हैं। मगर ट्रंप मामूली अंतर से उनसे पीछे हैं। कमला को 51 फीसदी समर्थन मिलता दिख रहा है। वहीं 48 फीसदी मतदाता ट्रंप के समर्थन में हैं। एटलसइंटेल के मुताबिक ट्रंप के समर्थन में 49.2 फीसदी और हैरिस के समर्थन में 48.3 फीसदी मतदाता हैं। पिछले चुनाव में जो बाइडन को जीत मिली थी। जबकि 2016 में ट्रंप ने क्लिंटन को शिकस्त दी थी। 1992 के बाद पहली बार रिपब्लिकन को ट्रंप ने मिशगन में जीत दिलाई थी। मिशिगन में अरब मुस्लिमों की संख्या भी खूब है। हार जीत में इनकी भूमिका अहम रहने वाली है।
जॉर्जिया
स्विंग स्टेट जॉर्जिया का रण डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए आसान नहीं है। 1992 में पहली बार बिल क्लिंटन ने यहां से चुनाव जीता था। इसके ठीक 28 साल बाद 2020 में जो बाइडन ने आखिरी बार जीत दर्ज की थी। एटलसइंटेल के सर्वे में ट्रंप के पक्ष में 48.8 फीसदी मतदाताओं के जाने की संभावना है। वहीं कमला हैरिस को 47.2 फीसदी लोगों का साथ मिल सकता है।
नॉर्थ कैरोलिना
नॉर्थ कैरोलिना में रिपब्लिकन पार्टी का पलड़ा भारी दिख रहा है। मगर इस चुनाव में क्या होगा… यह भविष्य के गर्त में छिपा है। पिछले चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जो बाइडन को 2.6 फीसदी के अंतर से हराया था। बिल क्लिंटन को भी ट्रंप के सामने 2016 में हार का सामना करना पड़ा था। आखिरी बार 2008 में बराक ओबमा बतौर डेमोक्रेट उम्मीदवार जीते थे। सीएनएन के सर्वे के मुताबिक इस बार यहां कमला हैरिस को 48 फीसदी और डोनाल्ड ट्रंप को 47 फीसदी लोगों का समर्थन मिलने की संभावना है। एटलसइंटेल के सर्वे में ट्रंप की स्थिति मजबूत दिख रही है। यहां ट्रंप को 50.7 और कमला हैरिस को 46.7 फीसदी मतदाता का साथ मिलने की उम्मीद है।
नेवादा
नेवादा डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ है। मगर अब जीत का अंतर घटता जा रहा है। पिछले चार चुनावों में पार्टी को जीत जरूर मिल चुकी है। बाइडन ने 2020 चुनाव में ट्रंप को 2.5 फीसदी के अंतर से हराया था। इस बार के सर्वे में ट्रंप और हैरिस के बीच मुकाबला कांटे का है। एटलसइंटेल के सर्वे के मुताबिक ट्रंप को 50.5 और कमला हैरिस को 46.9 फीसदी लोगों का साथ मिल सकता है। हालांकि एमर्सन कॉलेज के सर्वे में कमला हैरिस आगे चल रही हैं। इस सर्वे में ट्रंप को 47 और कमला हैरिस को 48 फीसदी समर्थन मिलता दिख रहा है। पिछले दो चुनावों में ट्रंप को नवादा में जीत नहीं मिल सकी है।
एरिजोना
मैक्सिको की सीमा पर बसे एरिजोना में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी काफी मजबूत है। एटलसइंटेल के सर्वे के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप को 50.8 फीसदी और कमला हैरिस को 45.9 फीसदी लोगों का समर्थन मिल सकता है। सीएनएन के सर्वे में कमला हैरिस आगे हैं। ट्रंप को 47 और कमला हैरिस को 48 फीसदी लोगों का समर्थन मिलने की संभावना है। 2016 में डोनाल्ड ट्रंप ने बिल क्लिंटन को 4.5 फीसदी के मतों के अंतर से परास्त किया था। हालांकि बाइडन को सिर्फ .3 फीसदी के मामूली अंतर से हराया था।
विस्कॉन्सिन
2020 चुनाव में विस्कॉन्सिन में डोनाल्ड ट्रंप को बाइडन ने 1.3 फीसदी के अंतर से हराया था। मगर 2016 चुनाव में ट्रंप ने .8 फीसदी के अंतर से जीत दर्ज की थी। दोनों ही चुनाव में हार जीत का अंतर बेहद कम था। एटलसइंटेल के सर्वे के मुताबिक ट्रंप को यहां 48.5 फीसदी और कमला हैरिस को 48.2 फीसदी मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है। मैरिस्ट के सर्वे में कमला हैरिस को 50 फीसदी समर्थन मिलने की बात कही गई है। यह ट्रंप के आंकड़े से दो फीसदी अधिक है।