10 वर्षों में भारत के Export में कर दिया कमाल, 67% की वृद्धि की हासिल!
भारत के निर्यात प्रदर्शन में पिछले दशक के दौरान उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की बढ़ती मांग और विश्वसनीयता को दर्शाती है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि 2013-14 में $466 बिलियन से बढ़कर 2023-24 में भारत का कुल निर्यात लगभग $778 बिलियन हो गया है, जो 67% की वृद्धि को दर्शाता है।
वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी
विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 1.66% से बढ़कर 1.81% हो गई है।
भारत की रैंकिंग वैश्विक निर्यात में 20वें स्थान से 17वें स्थान पर पहुंच गई है।
निर्यात बढ़ाने के लिए सरकारी प्रयास
विदेश व्यापार नीति 2023
अप्रैल 2023 में लागू इस नीति ने व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाते हुए निर्यात बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया।
ब्याज समानता योजना (Interest Equalization Scheme)
दिसंबर 2024 तक विस्तारित इस योजना के तहत निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
विशिष्ट क्षेत्रीय प्रयास
APEDA: कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता, इंफ्रास्ट्रक्चर उन्नयन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भागीदारी।
MPEDA: समुद्री उत्पादों के निर्यात के लिए मूल्य संवर्धन और जलीय कृषि उत्पादन में सुधार।
गुणवत्ता नियंत्रण
भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCOs) लागू।
निम्न गुणवत्ता वाले आयात को रोकने के लिए सख्त मानक।
रियायत योजनाएं
RoDTEP (Remission of Duties and Taxes on Exported Products)
RoSCTL (Rebate of State and Central Levies and Taxes)
ये योजनाएं श्रम-प्रधान उद्योगों और निर्यात-आधारित क्षेत्रों को सहारा देती हैं।
डिजिटल और क्षेत्रीय पहल
जिला निर्यात केंद्र कार्यक्रम: निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिलों को हब के रूप में विकसित करना।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यापार प्रमाणपत्र जारी करना।