पिथौरागढ़ से गूंजी तक हवाई मार्ग से जाएंगे कैलास यात्री

नैनीताल: कैलास मानसरोवर यात्रा में जाने वाले शिवभक्त इस बार पिथौरागढ़ से गूंजी तक वायु सेना के हेलीकॉप्टर से जाएंगे। हेलीकॉप्टर का खर्च विदेश मंत्रालय वहन करेगा या यात्री से ही वसूला जाएगा। इसका फैसला विदेश मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय की बैठक में होगा। यात्रा संचालक कुमाऊं मंडल विकास निगम(केएमवीएन) अब यात्रा का नया शेड्यूल विदेश मंत्रालय को उपलब्ध कराएगा।पिथौरागढ़ से गूंजी तक हवाई मार्ग से जाएंगे कैलास यात्री

कैलास मानसरोवर यात्रा तैयारियों को लेकर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय की बैठक हुई। विदेश मंत्रालय ईस्ट एशिया डिवीजन के निदेशक डॉ. अमित तेलंग की मौजूदगी में हुई बैठक में केएमवीएन के जीएम त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, धारचूला(पिथौरागढ़) के एसडीएम राजकुमार पांडे, आइटीबीपी के एडीजी होशियार सिंह समेत सिक्किम के अधिकारी मौजूद थे। 

निगम के सूत्रों के अनुसार यात्रा का ड्रा आठ मई को दिल्ली में होगा। बैठक में उच्च हिमालयी क्षेत्र धारचूला से आगे सड़क की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई। इसके बाद तय किया गया कि पिथौरागढ़ से गूंजी पड़ाव तक यात्रियों को हवाई मार्ग से लाया व भेजा जाएगा।

सीमा सड़क संगठन की ओर से बताया गया कि यात्रा शुरू होने से पहले तक सड़क में सुधार हो सकता है, जिसके बाद कुछ बैच के यात्रियों को पैदल भी भेजा जा सकता है। प्रति यात्री निगम को 35 हजार रुपये चुकाने होंगे।

कुछ ऐसा होगा नया शेड्यूल

नया शेड्यूल इस तरह से तैयार होगा कि यात्री आठ जून को दिल्ली में रिपोर्ट करेंगे और चिकित्सकीय परीक्षण के बाद पहला दल 12 जून को कुमाऊं में प्रवेश करेगा। यात्रा में कुमाऊं के रास्ते 18 दल तथा सिक्किम के रास्ते दस दल जाएंगे।

कालापानी में यात्री विश्राम संभव

अब पिथौरागढ़ के कालापानी पड़ाव में यात्री दल को विश्राम कराया जा सकता है। बैठक में केएमवीएन नए सिरे से यात्रा का शेड्यूल तैयार कर मंत्रालय को उपलब्ध कराएगा। अन्य पड़ावों पर सुविधाओं को लेकर भी चर्चा हुई। सिक्किम के रास्ते दस दल मानसरोवर भेजने पर भी सहमति बनी। यहां बता दें कि कुमाऊं मंडल विकास निगम 1981 से पवित्र कैलास मानसरोवर यात्रा का आयोजन करा रहा है।

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