अभी-अभी: कच्चे तेल की कीमतों ने लगाई आग, पेट्रोल-डीजल सबसे उच्चे स्तर पर पहुंचा

इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई है। ब्रेंट क्रूड 66 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है, जिसकी आंच देश में भी दिखने लगी है। देश में पेट्रोल-डीजल के दाम अक्टूबर के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से रसोई गैस के दाम भी बढ़ने की संभावना बन गई है। 
65 के करीब पहुंचा डीजल
देश में डीजल और पेट्रोल के दामों में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। सरकार द्वारा टैक्स में कटौती के बाद भी कीमतों में किसी तरह की कोई राहत आम जनता को नहीं मिली है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में डीजल की कीमतें 3 अक्टूबर के बाद ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं।  

27 दिसंबर को मुंबई में एक लीटर डीजल 62.85 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है। देश के अन्य शहरों जैसे कि दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई में भी डीजल सितंबर 2014 के बाद से अपने उच्च स्तर पर हैं। 

78 के करीब पेट्रोल

मुंबई में आज पेट्रोल 77.62 रुपये पर है। वहीं दिल्ली में 69.72 रुपये, चेन्नई में 72.26 रुपये और कोलकाता में 72.47 रुपये बिक रहा है। इस हिसाब से देखा जाए तो पेट्रोल और डीजल के रेट में करीब 15 रुपये का अंतर है। दोनों उत्पादों में धीरे-धीरे यह अंतर काफी कम होता जा रहा है। 

6 महीने में 42 फीसदी बढ़ा कच्चा तेल
कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने की दो प्रमुख वजह हैं। पहला ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में कटौती करना और दूसरा अमेरिका ने कटौती के बाद बढ़ रही डिमांड को पूरा करने के लिए उत्पादन न बढ़ाना प्रमुख कारण है। कच्चे तेल की कीमतें पिछले 6 महीने के दौरान 42 फीसदी बढ़ चुकी हैं।

जीएसटी में कब होगा शामिल 
अब लोगों को इंतजार है कि पेट्रोल-डीजल को कब जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा। जीएसटी में शामिल करने पर राज्य सरकारों पर राय नहीं बन पा रही है, जब केंद्र और 19 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं।

हालांकि केंद्र सरकार राज्यों को इसके लिए मनाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक इसमें पूरी तरह से सहमति नहीं मिल पाई है। अगर पेट्रोल-डीजल के दाम यू हीं बढ़ते रहे तो फिर आरबीआई को भी रेट कट करने में परेशानी होगी। 

 

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