जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट को उपभोक्ता आयोग ने ठोका हर्जाना

जालंधरः हाल ही में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग जालंधर ने एक उपभोक्ता को समय पर प्लॉट का कब्जा न देने पर जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट को दोषी पाया है। ट्रस्ट ने सूर्या एनक्लेव में प्लॉट मुहैया कराने के लिए उपभोक्ता से 12,94,898 रुपए वसूल किए लेकिन वह सेल डीड करने और प्लॉट का कब्जा दिलाने में नाकाम रहा। जिस पर आयोग ने ट्रस्ट को उक्त राशि 9 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने के आदेश किए हैं। इसके अलावा ट्रस्ट को मानसिक उत्पीड़न के लिए उपभोक्ता को 30,000 रुपए हर्जाना और मुकद्दमें की 5000 फीस भी अदा करनी होगी।
क्या है पूरा मामला
जालंधर के बाजार शेखां, अली मोहल्ला निवासी विशाल खुराना ने 26 अक्तूबर 2020 आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के पास सूर्या एनक्लेव एक्टेंशन में 26,01,000 रुपए की कीमत का एक प्लॉट बुक कराया था। जिसके लिए उन्होंने 13 मई 2016 को 2,60,100 रुपए यानी 10 फीसदी आवेदन शुल्क जमा कराया था। शिकायतकर्ता का कहना है कि इसके बाद शर्तों और नियमों के मुताबिक उन्होंने 4 जुलाई 2016 को डिमांड ड्राफ्ट के जरिए 5,47,210 रुपए की राशि की अदायगी की। शिकायतकर्ता का कहना है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद भी ट्रस्ट द्वारा सेल डीड तैयार नहीं की। यही नहीं नियमों और शर्तों का अनुपालन करने के लिए शिकायतकर्ता ने दोबारा ब्याज सहित 4,87,666/- रुपए की राशि जमा की। ट्रस्ट द्वारा शिकायतकर्ता से 12,94,976/- रुपए वसूले गए लेकिन ट्रस्ट उन्हें बिजली पानी और सीवर कनैक्शन सहित प्लाट का कब्जा देने में नाकाम रहा।
शिकायतकर्ता ने की थी ये मांग
शिकायतकर्ता ने आयोग से 12,94,898 रुपए की राशि सालाना 24 फीसदी ब्याज सहित लौटाने की मांग की थी। इसके अलावा मानसिक उत्पीड़न के लिए 5 लाख रुपए, 33 हजार रुपए मुकदमेबाजी का खर्च और 55000 परामर्श शुल्क की भी शिकायतकर्ता ने मांग की थी।





