जोगिंदर शर्मा ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कहा अलविदा, ट्वीट कर दी जानकारी…

भारतीय टीम ने साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में टी-20 विश्व कप का खिताब जीता था। बता दें कि उस वर्ल्ड कप में फाइनल के हीरो रहे जोगिंदर शर्मा ने 3 फरवरी 2023 को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है

भारतीय टीम ने साल 2007 में की अगुआई में टी-20 विश्व कप का खिताब जीता था। बता दें कि उस वर्ल्ड कप में फाइनल के हीरो रहे जोगिंदर शर्मा ने 3 फरवरी 2023 को इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी।

बता दें कि जोगिंदर शर्मा ने साल 2004 में सौरव गांगुली की कप्तानी में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और साल 2007 और साल 2020 में उन्होंने रियर हीरो बनकर भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। खास बात तो यह है कि जोगिंदर अभी हरियाणा पुलिस में डीएसपी पद पर तैनात है, उन्होंने कुछ समय पहले हरियाणा के लिए रणजी ट्रॉफी भी खेला था।

Joginder Sharma ने इंटरनेशनल क्रिकेट से लिया संन्यास

बता दें कि जोगिंदर शर्मा ने ट्वीट कर बीसीसीआई (BCCI) को एक खास संदेश लिखा। उन्होंने लिखा कि वह बीसीसीआई, हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन, चेन्नई सुपर किंग्स और हरियाणा सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं। जोगिंदर शर्मा ने अपने फैंस, परिवार और दोस्तों को धन्यवाद किया, जिन्होंने करियर के उतार-चढ़ाव में उनका साथ दिया।

वहीं, अगर बात करें जोगिंदर शर्मा के क्रिकेट करियर की तो कुल 4 टी-20 और 4 वनडे मैच खेले हैं। वनडे में 4.6 के इकॉनमी रेट से उनकी झोली में सिर्फ 1 सफलता हासिल हुई। वहीं, टी20 क्रिकेट में उन्होंने 4 विकेट चटकाए।

साल 2007 वर्ल्ड कप के रीयल हीरो रहे Joginder Sharma

बता दें कि साल 2007 के टी-20 विश्वकप के फाइनल मैच में जोगिंदर शर्मा ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच खेले गए उस मैच में पाकिस्तान के हाथों आखिरी ओवर में जीत छीन ली थी। बता दें कि आखिरी ओवर में पाकिस्तान को 13 रनों की जरूरत थी और मैदान पर पाकिस्तान के विस्फोटक बल्लेबाज मिसबाह गजब की बैटिंग कर रहे थे।

उस वक्त हर जगह सन्नाटा का मौहोल था, क्योंकि इस हाई प्रेशर गेम का नतीजा अंत पर था। इसी बीच अंतिम ओवर में कप्तान एमएस धोनी ने जोगिंदर शर्मा पर भरोसा जताते हुए उन्हें गेंद थमा दी। धोनी का ये फैसला टीम के बिल्कुल काम आया और जोगिंदर शर्मा ने इस ओवर की तीसरी गेंद पर मिसबाह को श्रीसंत के हाथों कैच आउट कराते हुए भारत को विश्व विजेता बना दिया।

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