जोधपुर की ‘जीजी’ का निधन, छह बार विधायक रहीं सूर्यकांता व्यास ने 86 साल की उम्र में ली अंतिम सांस!

जोधपुर की वरिष्ठ नेता और सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक रहीं सूर्यकांता व्यास का बुधवार सुबह निधन हो गया। 86 वर्षीय की व्यास को ‘जीजी’ के नाम से भी जाना जाता था, वे पिछले लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनका डायलिसिस चल रहा था और बुधवार सुबह उनके निवास पर अचानक तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके निधन से जोधपुर शहर में शोक की लहर दौड़ गई है।

सूर्यकांता व्यास ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत पार्षद के रूप में की थी और इसके बाद 1990 में जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव जीतकर विधायक बनीं। परिसीमन से पहले उन्होंने तीन बार जोधपुर शहर से जीत दर्ज की और बाद में सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार जीत हासिल की। वह कुल छह बार विधानसभा पहुंचीं और जनता के बीच एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित रहीं।

भाजपा ने नहीं दिया था टिकट
2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सूरसागर सीट से नए चेहरे देवेंद्र जोशी को उम्मीदवार बनाया था, जबकि व्यास को टिकट नहीं दिया गया था। वह पिछले दस महीनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। पहले उनका इलाज एमडीएम अस्पताल में चल रहा था, हालात बिगड़ने पर उन्हें एम्स, जोधपुर रेफर किया गया था। सूर्यकांता व्यास के निधन से उनके समर्थकों और राजनीतिक जगत में गहरा शोक है।

सीएम शर्मा ने जताया दुख
सूरसागर विधानसभा से पूर्व विधायक, भाजपा परिवार की वरिष्ठ सदस्या, सूर्यकान्ता व्यास ‘जीजी’ के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। कुछ दिन पूर्व ही उनसे भेंट हुई थी जहां उनका आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। मेरे प्रति उनका अपार स्नेह और वात्सल्य सदैव बना रहा। उनका स्वर्गवास भारतीय जनता पार्टी परिवार के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।  प्रभु से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिवार को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

शेखावत ने कहा अपूरणीय क्षति
हमारी वरिष्ठ नेता श्रद्धेय सूर्यकांता व्यास जी का देहावसान जोधपुर क्षेत्र के सामाजिक-राजनीतिक जीवन की अपूरणीय क्षति है। “जीजी” छह बार क्षेत्र से विधायक रहीं। उनकी लोकप्रियता और वरिष्ठता का सभी सम्मान करते थे। इस लोकसभा निर्वाचन के पूर्व मुझे उनका आशीर्वाद मिला था। उनसे हुई भेंट स्मृति पटल पर अंकित है। मैं हृदय से दुखी हूं। प्रभु श्रीराम उनकी आत्मा को अपनी शरण प्रदान करें। परिवारजनों और समर्थकों को संबल प्राप्त हो।

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