जम्मू- कश्मीर: पहले चरण का प्रचार थमा, BJP-NC-PDP-कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का चुनाव प्रचार थम गया है। पहले चरण में दक्षिण कश्मीर और चिनाब वैली में न केवल भाजपा, नेकां, पीडीपी, कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर है, बल्कि इंजीनियर रशीद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) और जमात-ए-इस्लामी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशियों से कड़ी चुनौती मिल रही है। पहले चरण में सात जिलों की 24 सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां व कुलगाम और चिनाब वैली के डोडा, किश्तवाड़ व रामबन जिले में हो रहे चुनाव में माकपा के दिग्गज एमवाई तारिगामी, महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती व वहीद-उर-रहमान परा, सरताज मदनी, पूर्व सांसद हसनैन मसूदी, शौकत अहमद गनई, कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री जीए मीर व भाजपा के सोफी युसूफ की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसके साथ ही जम्मू संभाग में पूर्व मंत्री सुनील शर्मा व शक्तिराज परिहार, पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार, आतंकी हमले में मारे गए परिहार बंधुओं के परिवार की शगुन परिहार, नेकां के सज्जाद अहमद किचलू, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी भी मुख्य चेहरे हैं। चिनाब वैली के डोडा, रामबन व किश्तवाड़ में 2014 में पहली बार कमल खिला था जिसे दस साल बाद दोहराना भाजपा के लिए चुनौती बनी हुई है।

2014 में 22 में 11 सीटें थी पीडीपी के पास
2014 के चुनाव में दक्षिण कश्मीर व चिनाब वैली की 22 सीटों में सबसे अधिक पीडीपी ने 11 सीटें जीती थीं। इसके बाद भाजपा व कांग्रेस ने चार-चार, नेकां ने दो तथा माकपा ने एक सीट पर कब्जा किया था। परिसीमन के बाद डोडा व किश्तवाड़ में एक-एक सीटें बढ़ीं और इस बार 24 सीटें हो गई हैं।

दक्षिण कश्मीर में मुकाबला रोचक
इस बार अवामी इत्तेहाद पार्टी, जमात से जुड़े निर्दलीयों की वजह से दक्षिण कश्मीर में मुकाबला रोचक हो गया है। ऐसे में पीडीपी को अपने प्रदर्शन को दोहराने तो नेकां के समक्ष पिछले प्रदर्शन से बेहतर करने की चुनौती है। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा व कुलगाम में एआईपी व जमात से क्षेत्रीय पार्टियों नेकां, पीडीपी के साथ ही कांग्रेस को टक्कर मिल रही है। भाजपा के सामने डोडा, किश्तवाड़ व रामबन में कमल को मुरझाने से बचाने की जबर्दस्त चुनौती है। इतना ही नहीं कांग्रेस और माकपा अपनी सीटों को बचाने के लिए जूझ रही है।

चिनाब वैली
डोडा: डोडा सीट पर गठबंधन के बाद भी नेकां व कांग्रेस प्रत्याशी दोनों मैदान में हैं। इसके साथ ही डीपीएपी, भाजपा, आप व पीडीपी भी चुनाव लड़ रही है। यहां मतों के ध्रुवीकरण पर जीत हार का फैसला होना है।

डोडा पश्चिम: डोडा में पहली बार कमल खिलाने वाले पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक शक्तिराज परिहार पर भाजपा ने दांव लगाया है। कांग्रेस ने केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के प्रो. प्रदीप कुमार को मैदान में उतारा है। नेकां यहां गठबंधन के चलते नहीं लड़ रही है। पीडीपी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटी है।

भद्रवाह: मिनी कश्मीर के नाम से मशहूर भद्रवाह में पहली बार कमल खिलाने वाले दलीप सिंह परिहार तथा कांग्रेस के नदीम शरीफ व नेकां के पूर्व आईएएस अफसर शेख महबूब इकबाल के बीच मुकाबला बताया जा रहा है।

किश्तवाड़: यह सीट भाजपा व नेकां दोनों के लिए प्रतिष्ठा बनी हुई है। भाजपा ने आतंकियों के हमले का शिकार परिहार बंधुओं के परिवार की शगुन परिहार तो नेकां ने पूर्व गृह मंत्री सज्जाद अहमद किचलू पर दांव लगाया है। पीडीपी के पूर्व एमएलसी फिरदौस अहमद टाक लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में जुटे हैं।

पाडर-नागसेनी: यहां से किश्तवाड़ में पहली बार कमल खिलाने वाले पूर्व मंत्री सुनील शर्मा का मुकाबला नेकां की पूजा ठाकुर से है। पूजा दच्छन की डीडीसी चेयरमैन रही हैं। पीडीपी के संदेश कुमार त्रिकोणीय लड़ाई में हैं।

इंद्रवल: यहां मुकाबला दो निर्दलीयों के पूरे दमखम से लड़ने के कारण काफी रोचक है। 2002 से लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जीएम सरूरी निर्दल मैदान में हैं। टिकट न मिलने पर नेकां के दिग्गज प्यारे लाल भी निर्दल लड़ रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस के मो. जफरूल्लाह तथा भाजपा के तारिक हुसैन कीन भी लड़ाई को चतुष्कोणीय बना रहे हैं।

रामबन: 2014 में इस सीट पर पहली बार भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार अनारक्षित होने के बाद भाजपा ने राकेश सिंह ठाकुर पर दांव आजमाया है। भाजपा के बागी सूरज सिंह परिहार निर्दलीय मैदान में हैं। नेकां के अर्जुन सिंह परिहार की मुकाबले में हैं।

बनिहाल: यहां से कांग्रेस के पूर्व मंत्री व पूर्व विधायक विकार रसूल वानी, नेकां के सज्जाद शाहिन, पीडीपी के इम्तियाज अहमद शान व भाजपा के मोहम्मद सलीम भट के बीच मुकाबला है।

चिनाब वैली में 64 उम्मीदवार मैदान में
चिनाब क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन के आठ विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण में मतदान होगा। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस नेकां और निर्दलीयों के मध्य होना है। यहां 64 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें आजाद 25 उम्मीदवार हैं। भद्रवाह में सबसे अधिक 10 उम्मीदवार , डोडा, इंद्रवाल, नौ-नौ, डोडा पश्चिम और रामबन में आठ -आठ, किश्तवाड़ और बनिहाल की सात सात और पाड़ा-नागसेन में छह उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें डोडा पश्चिम और पाडर नागसेनी नए विधानसभा क्षेत्र हैं। आठ सीटों पर नेकां और कांग्रेस का गठबंधन है। बनिहाल, भद्रवाह और डोडा में दोस्ताना मुकाबला है।

इन सीटों पर मतदान
पहले चरण की 24 सीट जिन पर मतदान होना है, वह हैं, पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा,शोपियां, डी एच पोरा कुलगाम, देवसर, दूरु, कोकेरनाग, अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा- बिजबहेड़ा, शंगस- अनंतनाग पूर्व और पहलगाम है। जबकि जम्मू क्षेत्र के इंदरवाल, किश्तवाड़, पड्डेर-नागसेन भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल में चुनाव होंगे।

तीन चरणों में होना है मतदान
केंद्र सरकार द्वारा धारा 370 निरस्त किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। इसके बाद यहां पहली बार चुनाव हो रहे हैं। तीन चरण में यहां 18 और 25 सितंबर और एक अक्टूबर को मतदान होगा। पहले चरण के लिए नामांकन करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 28 अगस्त और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 30 अगस्त था।

Back to top button