जम्मू-कश्मीर: बारामुला में रिकॉर्ड मतदान, 40 साल बाद जम्हूरियत का ऐसा जश्न

जम्मू-कश्मीर में मतदाता जिस तरह का उत्साह दिखा रहे हैं, वह देश के लोकतंत्र में बढ़ते भरोसे का प्रतीक है। पांचवें चरण में बारामुला में लोकतंत्र का ऐसा जश्न मना कि 40 साल बाद रिकॉर्ड मतदान हुआ। 1984 में 58.84% मतदान हुआ था। इसमें भी उत्साह बढ़ाने वाली बात यह रही कि सक्रिय आतंकियों के परिवारों ने भी वोट डाला। मुख्यधारा में लौट रहे परिवारों का कहना था कि उन्होंने जम्हूरियत के लाभ को ध्यान में रख वोट दिया है। उन्होंने अपने परिवार के आतंकी सदस्यों से भी मुख्यधारा में लौटने की अपील की।
कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के एक सक्रिय आतंकवादी उमर के भाई रउफ अहमद लोन ने मतदान करने बाद कहा कि वोट उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मतदान करें। अपना वोट बर्बाद न करें। उन्होंने अपने भाई उमर से सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण करने की अपील भी की। टीआरएफ कमांडर बिलाल के परिवार ने भी वोट किया।
35 साल पहले सिर्फ 5.48%…इस बार 58.17 फीसदी
चुनाव आयोग ने बताया कि बारामुला में 35 वर्ष पहले 1989 में सिर्फ 5.48% मतदान हुआ था। 1996 में 46.65, 1998 में 41.94, 1999 में 27.79, 2004 में 35.65, 2009 में 41.84, 2014 में 39.14 और 2019 में 34.60 फीसदी वोट पड़े थे। सोमवार को पांचवें चरण में 58.17% मतदान हुआ। मतदान केंद्रों पर सुबह से ही वोटर पहुंचने लगे थे।