जेई ने अपनी 130 एकड़ जमीन का सीमांकन कराने DM को दिया आवेदन

शासकीय भूमि पर मिले अवैध कब्जे को लेकर जूनियर इंजीनियर सीपी चोपड़ा का कहना है कि अभी नपाई चल रही है पूरी नहीं हुई। क्योंकि परिवार के लोग बाहर गए थे। मैंने यह जमीन 20 साल पहले खरीदी थी, जिसमें सागौन के पेड़ भी लगाए थे।

क्या आपने कभी सुना है कि यदि कोई व्यक्ति अपने ही घर का अच्छा करे, लेकिन पता चला उसका ही बुरा हो जाए। लेकिन ऐसा दमोह जिले में हुआ है। यहां बिजली वितरण कंपनी एसई कार्यालय में पदस्थ जूनियर इंजीनियर चंद्रप्रकाश चोपड़ा और उनके परिवार की बटियागढ़ तहसील अंतर्गत सिंगपुर में अपनी 130 एकड़ जमीन के सीमांकन में 92 एकड़ शासकीय जमीन में अवैध कब्जा मिला है। तहसीलदार द्वारा अपनी रिपोर्ट भी तैयार की गई है।

हैरान करने वाली बात यह है कि चोपड़ा ने अपनी जमीन के सीमांकन के लिए कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर को आवेदन दिया। जब कलेक्टर ने टीम भेजकर नपाई कराई तो यह मामला सामने आ गया। अब तहसीलदार यह कब्जा हटाने की कार्रवाई करने की तैयारी में हैं।

कलेक्टर को दिया था आवेदन
बताया गया है कि जूनियर इंजीनियर सीपी चोपड़ा द्वारा कलेक्टर को अपनी बटियागढ़ तहसील अंतर्गत ग्राम सिंगपुर में स्वयं और अपने परिवार के लोगों के नाम से दर्ज 130 एकड़ जमीन के नाप के लिए आवेदन दिया था। इस पर कलेक्टर ने बटियागढ़ तहसीलदार को टीम के माध्यम से सीमांकन करने के निर्देश दिए।

टीम ने जब सीमांकन के बाद अपना प्रतिवेदन दिया तो इसमें जूनियर इंजीनियर सीपी चोपड़ा के नाम पर खसरा नंबर 21/1/2 में 9.00 हेक्टेयर, पत्नी राखी चोपड़ा के नाम से खसरा नंबर 21/8 में 8.10 हेक्टेयर, बेटे शुभम उर्फ शिवम के नाम से खसरा नंबर 21/8 में 10.10 हेक्टेयर और बेटी नंदिनी के नाम पर खसरा नंबर 21/7/2 में 4.10 हेक्टेयर सहित अन्य परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज थे। इस सीमांकन में जब जांच की गई तो 92.5 एकड़ जमीन इनके कब्जे में शासकीय पाई गई।

इस जमीन पर इनके द्वारा बनाए गए इस फार्म हाउस में जहां गौ सदन, दो ट्यूबवेल, लगभग सागौन के 80 पेड़ भी लगे हुए हैं। ग्रामीण रत्ती आदिवासी, गोरेलाल आदिवासी ने बताया कि वह इसकी शिकायत पहले भी कर चुके थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जबेरा में जमीन और गैस एजेंसी
बता दें कि जूनियर इंजीनियर सीपी चोपड़ा के ही परिवार के नाम पर जबेरा में भी कृषि भूमि के साथ-साथ एचपी की गैस एजेंसी का भी संचालन किया जाता है। हालांकि, शासकीय भूमि पर मिले अवैध कब्जे को लेकर जूनियर इंजीनियर सीपी चोपड़ा का कहना है कि अभी नपाई चल रही है, पूरी नहीं हुई। क्योंकि परिवार के लोग बाहर गए थे, मैंने यह जमीन 20 साल पहले खरीदी थी, जिसमें सागौन के पेड़ भी लगाए थे।

बटियागढ़ के प्रभारी तहसीलदार योगेंद्र चौधरी का कहना है कि सीमांकन करने के लिए आदेश प्राप्त होने पर सीमांकन के बाद 92.5 एकड़ शासकीय जमीन पर अतिक्रमण पाया गया है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया, उन्होंने इस जानकारी को नोट कर लिया है।

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