JDU में निशााने पर प्रशांत किशोर, CM नीतीश पर दिया था ऐसा बयान

पटना । क्या प्रशांत किशोर (पीके) को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में सबकुछ ठीक नहीं है? यह सवाल इसलिए कि हाल में पीके के कुछ बयान पार्टी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ गए हैं। उनके बयानों का विपक्ष चुनावी फायदा उठा सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को संकेत में बता दिया कि पीके की शैली हर किसी को रास नहीं आ रही है। इसके पहले पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार भी पीके के बयान को खारिज कर चुके हैं।
पीके के विवादित बयान, एक नजर
हालिया घटनाक्रम पर नजर डालें तो जदयू और पीके की धाराएं अलग-अलग दिख रहीं हैं। बेगूसराय के शहीद पिंटू सिंह को जब सरकार और पार्टी की ओर से कोई श्रद्धांजलि देने नहीं गया, तब उन्होंने बड़ा बयान देते हुए सरकार और जदयू की तरफ से माफी मांगी। बाद में खुद नीतीश कुमार शहीद पिंटू सिंह को श्रद्धांजलि देने बेगूसराय के ध्यानचक्की गांव में गए तो पीके ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा- एंड द फॉलोअप। पीके के ट्वीट से साफ है कि वे यह बता रहे हैं कि उनके बयान के बाद ही नीतीश कुमार शहीद पिंटू सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके घर गए।
मुजफ्फरपुर में युवाओं से उन्होंने कहा कि जब वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बना चुके हैं, तो युवाओं को भी सासंद-विधायक बना सकते हैं। एक और बयान में वे कहते हैं कि कि नीतीश कुमार को महागठबंधन छोड़कर भाजपा से गठबंधन के बदले नया जनादेश लेना चाहिए था।
पीके ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के पक्षधरों को जंगखोर और अंधराष्ट्रभक्त तक कह डाला। इसके पहले वे प्रियंका गांधी के कांग्रेस पार्टी में सक्रिय होने पर उन्हें बधाई भी दे चुके थे।
जदयू ने बयानों का किया प्रतिवाद
पीके के उक्त बयानों से विपक्षी महागठबंधन को सियासी लाभ मिलता दिख रहा है। जदयू ने भी इन बयानों का प्रतिवाद किया है।
नीरज बोले: जनता बनाती सांसद-विधायक
पीके के सांसद-विधायक बनाने वाले बयान पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि उनकी पार्टी के रोल मॉडल नीतीश कुमार हैं। किसी को सांसद-विधायक जनता बनाती है। पार्टी केवल माहौल बनाती है, नेता तो जनता बनाती है।
आरसीपी सिंह ने जनादेश वाले बयान को बताया ‘निजी’
शुक्रवार को जदयू कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान जदयू सांसद आरसीपी सिंह ने पीके के उस बयान को ‘निजी’ करार दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महागठबंधन में अलगाव के वक्त नीतीश कुमार को नया जनादेश लेना चाहिए था। अारसरपी सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि उस दौर में वे (पीके) पार्टी में नहीं थे, इसलिए इस फैसले के बारे में उनको जानकारी नहीं है। राजग के साथ जाने के मामले में पूरी पार्टी की सहमति थी। नीतीश कुमार भी उस निर्णय के पक्ष में थे। आरसीपी सिंह ने कहा कि हरेक मामले में पार्टी का रुख साफ है।
पीके के खिलाफ जदयू में असंतोष
आरसीपी सिंह व नीरज कुमार के बयान जदयू नेताओं में पीके के खिलाफ असंतोष का प्रकटीकरण माने जा रहे हैं। बीते तीन मार्च को पटना में हुई पीएम मोदी की रैली में पीके कहीं नहीं दिखे थे। सूत्रों के अनुसार उन्हें जदयू की ओर से रैली के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। इसे भी उनके खिलाफ पार्टी में गहराते असंतोष के रूप में देखा जा रहा है।
दरअसल, पीके जब से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाये गए हैं, तब से पार्टी में उनका विरोध हो रहा है। लेकिन नीतीश कुमार के कारण किसी को मुंह खोलने की हिम्मत नहीं थी। अब जबकि पीके के बयान में खुद नीतीश कुमार निशाने पर आ गए तो पार्टी में उनके मुखर विरोध का मौका मिल गया।