आधी हरियाणा की जाटनी और हाफ मराठी हैं ये एक्ट्रेस, ‘टॉयलेट’ से मिली पहचान
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भोपाल.मेरी पहली फिल्म दम लगा के हईशा के लिए मैं लड़कियों की कॉस्टिंग कर रही थी, आॅडिशन ले रही थी। दूसरी तरफ खुद भी ऑडिशन दे रही थी। यह कहना है एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर का।
एेसे शुरू हुआ फिल्मी सफर…
-शुक्रवार को भोपाल आई भूमि ने भास्कर से बातचीत में बताया कि यशराज फिल्म में प्रोडक्शन और काॅस्टिंग डिपार्टमेंट में काम करते हुए एक दिन में ऑडिशन ले रही थी।-तब मेरी बॉस शानू ने मुझे रिहर्सल करते देखा। बाद में उन्होंने कहा कि तू एक्टर है, जा एक्टिंग कर।-इसके दो महीने बाद दम लगा के शुरू हुई तो आदित्य सर ने कहा कि तू संध्या का रोल कर। इस तरह मुझे पहली फिल्म मिली। उसके बाद टॉयलेट: एक प्रेम कथा ने नई पहचान दिलाई।फैमिली के सपोर्ट से मिली पहचान
-मेरे घर में बहुत प्रोग्रेसिव लोग हैं। ऐसा अक्सर कहा जाता है कि जब तक अपनी फील्ड में सक्सेसफुल न हो जाओ शादी मत करना।-फैमिली के सपोर्ट से बगैर फिल्मी बैकग्राउंड और कनेक्शन के आज मैं इंडस्ट्री में खुद को साबित कर रही हूं।मेरी हिंदी बिल्कुल साफ
-मराठी होने के बावजूद भी मेरी हिंदी साफ होने की वजह ये है कि मेरे पिता मराठी हैं और मेरी मम्मी हरियाणा की जाटनी हैं।-यानि मैं भी आधी मराठी और आधी हरियाणा की जाटनी हूं ।
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ग्लैमर शारीरिक से ज्यादा मानसिक चीज है
-मेरे लिए ग्लैमर शारीरिक से ज्यादा मानसिक चीज है। टॉयलेट फिल्म की सफलता मुझे अपनी दुनिया में काफी ग्लैमरस लगती है।-मुझे लगता है कि ग्लैमर और एक्टिंग साथ साथ आराम से चल सकती है। यह आप पर निर्भर करता है कि आप अपना किरदार किस तरह निभा रहे हैं।