जम्मू-कश्मीर: रोशनी से नहाया लाल चौक, घर से दूर सेना के जवानों ने ऐसे मनाई दिवाली

दिवाली का त्योहार देश के हर कोने में बेहद उत्साह, उमंग और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। चारों ओर दीपों की जगमगाहट और रंग-बिरंगी सजावट ने माहौल को और भी आनंदमय बना दिया। देश भर में लोगों ने अपने-अपने घरों को रोशनी और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया। पूजा-पाठ के साथ-साथ आतिशबाज़ी और मिठाइयाँ बाँटने की परंपरा भी खास रही। कई जगहों पर सामुदायिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेले भी लगे। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ग्रीन दीवाली को बढ़ावा दिया, जिससे कम प्रदूषण वाले पटाखों का उपयोग किया गया। साथ ही, विभिन्न संगठनों ने जरूरतमंदों को मिठाइयाँ और कपड़े बांटकर दीवाली का जश्न मनाया।

रघुनाथ मंदिर में जलाए गए 2500 मिट्टी के दीपक

जम्मू और कश्मीर में भी दीपावली धूमधाम से मननाई गई। दिवाली के अवसर पर जम्मू के कठुआ स्थित रघुनाथ मंदिर में 2500 मिट्टी के दीपक जलाए गए।

बारामूला में जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों ने पट्टन के ओडिना में पंडित कॉलोनी में एसएसबी जवानों और उनके परिवारों के साथ दिवाली मनाई।

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा(एलओसी) की सुरक्षा में तैनात भारतीय सेना के जवान दिवाली का त्यौहार अपने परिवार से दूर अपने दूसरे परिवार यानी सेना के साथ मनाया। जवानों को जम्मू-कश्मीर के बेहद संवेदनशील नौशेरा सेक्टर में तैनात किया गया है।

रोमियो फोर्स के जवानों ने राजौरी में मनाई दीपावली

भारतीय सेना की रोमियो फोर्स राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन ने जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले के तापा पीर और मन्याल गांव के डीकेजी देहरा की गली में स्थानीय लोगों के साथ दिवाली मनाई। रोमियो फोर्स आरआर बटालियन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित ग्रामीणों ने हिस्सेदारी ली। सैनिकों ने ग्रामीणों को मिठाइयां बांटीं और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की। दिवाली के अवसर पर गांव में सोलर लाइटें लगाई गईं जिससे घर और गलियाँ रोशन हो गईं। एक सैनिक ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमें देश की सेवा करने और लोगों के लिए खुशी लाने पर गर्व है। दिवाली आशा और एकता का प्रतीक है। वहीं स्थानीय निवासी ने कहा कि हम अपने गांवों में रोशनी और खुशी लाने के लिए भारतीय सेना के आभारी हैं। इससे पहले दिन में, रोमियो फोर्स के जवानों ने अपने घरों से दूर पीर पंजाल रेंज के पहाड़ी इलाकों में 8,000 फीट की ऊंचाई पर दिवाली मनाई। 

गुरुवार यानी 31 अक्तूबर  को भी बाज़ारों में भारी भीड़ देखने को मिली। व्यापारियों के साथ-साथ छोटा व्यापार करने वाले लोग जैसे कुम्हार, कारीगर एवं घरों में दिवाली का सामान बनाने वाले लोगों ने भी अपने सामान की बिक्री की। बाजारों में मिट्टी के दीये, लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा, घर की सजावट के सामान, वंदनवार, फूल-पत्तियां एवं पूजा का सामान, बिजली की रंगबिरंगी लड़ियां, मिठाई एवं नमकीन, कपड़े, हैंडिक्राफ़्ट आइटम्स, उपहार की वस्तुएं, फुटवियर, मेकअप का सामान, कास्मेटिक्स, सोने चांदी के सामान और अन्य घरेलू उत्पादों की भारी मांग रही।

 

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