जम्मू: 18 साल पहले बना कला केंद्र अब बन गया प्रदर्शनी स्थल,अनदेख कलाकृतियां हैं गुमनाम

जम्मू विकास प्राधिकरण ने 2005 में केंद्र को बनाया था और जम्मू कश्मीर अकादमी ऑफ आर्ट कल्चर और भाषा (जेकेएएसीएल) के हवाले कर दिया था।

जम्मू कला केंद्र खुद की कला को लेकर जूझ रहा है। करोड़ों की लागत से बनी कलाकृतियां अनदेखी का शिकार हो चुकी हैं। केंद्रशासित प्रदेश की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने और कला के प्रोत्साहन के मकसद से बना केंद्र खस्ताहाल हो चुका है। जम्मू विकास प्राधिकरण ने 2005 में केंद्र को बनाया था और जम्मू कश्मीर अकादमी ऑफ आर्ट कल्चर और भाषा (जेकेएएसीएल) के हवाले कर दिया था।

उस दौरान अनमोल कलाकृतियां बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से 45 से अधिक कलाकार राष्ट्रीय कला शिविर में पहुंचे थे। तब वह यहां उपलब्ध सुविधाओं को देखकर आश्चर्य चकित रह गए थे। उन्हें विश्वास था कि कलाकारों को एक ऐसी जगह मिल गई है जहां वे प्रतिभा को निखार सकते हैं। मगर यह उम्मीद कुछ ही समय के बाद खत्म हो गई।

हालात ऐसे हैं कि मात्र 2 कर्मी होने के कारण लॉन और जर्जर कमरों में कलाकृतियां धूल फांक रही हैं। कुछ कलाकृतियां तो टूट चुकी हैं और कइयों को आकार देने वालाें का नाम गुमनामी में खो गया है। ऐसी ही स्थिति करीब डेढ़ किलोमीटर दूर अभिनव थिएटर की है। वहां भी कलाकारी को सम्मान देना तो दूर की बात, कुछ मूर्तियों को पेड़ के नीचे रख दिया है। नाकामी छिपाने के लिए खस्ता कलाकृतियों के आगे प्रदर्शनी लगा दी गई है ताकि किसी की नजर पीछे की ओर न जाए।

नाम न छापने की शर्त पर कलाकार ने बताया है कि कला को लेकर सरकार हमेशा संजीदा नहीं दिखी। किसी को भी कला से लेना-देना नहीं है। 18 पहले कला केंद्र अस्तित्व में आया। शुरुआत में राज्य-स्तरीय प्रदर्शनी, मूर्तिकारों और चित्रकारों के शिविर लगे। इसके बाद कोई कार्यक्रम नहीं हुआ। अव्यवस्था की बात करें तो केंद्र जर्जर है। शौचालय बदहाल हैं। एयर कंडीशनर के अभाव में कलाकृतियां बर्बाद हो रही हैं।

इसके अलावा स्टूडियो बनाने का आज तक वादा पूरा नहीं हो पाया। मौजूदा समय में कला केंद्र मात्र प्रदर्शनी केंद्र बन गया है। उधर, कलाकार मुश्ताक काक ने इमारत के निर्माण पर सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार किसी भी आर्ट गैलरी में बड़ी खिड़कियां नहीं होती। जर्जर दीवारें, अव्यवस्थित रोशनी के कारण राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कोई भी कलाकार यहां कलाकृतियां प्रदर्शित करने नहीं आ रहा। अगर इंजीनियरों ने कलाकारों को विश्वास में लेने के साथ अन्य राज्य में आर्ट गैलरी का दौरा किया होता तो आज उपयुक्त केंद्र होता।

कला केंद्र में किसी की भी प्रकार की समस्या है तो उसे जल्द दूर किया जाएगा ताकि कलाकारों को एक बेहतर माहौल मिल सके।

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