जयपुर: एसएमएस स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के प्रैक्टिस मैच के दौरान घुसा कुत्ता

जयपुर में आवारा कुत्तों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। आए दिन शहर के विभिन्न इलाकों में कुत्तों के हमले की घटनाएं सामने आती रहती हैं, ताजा मामला सवाई मानसिंह स्टेडियम से सामने आया है। आइये जानते हैं पूरा मामला।

राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) स्टेडियम में एक चौंकाने वाली घटना घटी। जब राजस्थान रॉयल्स के प्रैक्टिस मैच के दौरान अचानक एक आवारा कुत्ता मैदान में घुस आया। इस अप्रत्याशित घटना से खिलाड़ियों और दर्शकों के बीच हलचल मच गई। करीब 30 सेकंड तक मैदान में दौड़ने के बाद कुत्ता बाहर भाग गया, लेकिन इस घटना ने स्टेडियम की सुरक्षा व्यवस्था और नगर निगम की लापरवाही को उजागर कर दिया है।

मैच के दौरान अचानक घुसा कुत्ता, खिलाड़ियों में मची हलचल
रविवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ियों का अभ्यास मैच चल रहा था। टीम के कई प्रमुख खिलाड़ी मैदान में मौजूद थे, जिनमें भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और मेंटर राहुल द्रविड़ भी शामिल थे। मैच के दौरान अचानक एक आवारा कुत्ता स्टेडियम में घुस आया और मैदान में दौड़ने लगा। खिलाड़ी कुछ देर के लिए स्तब्ध रह गए, लेकिन किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं हुई। हालांकि, यह घटना एक गंभीर सुरक्षा चूक को दर्शाती है।

अगर कुत्ता हमला कर देता तो कौन होता जिम्मेदार?
इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर कुत्ता किसी खिलाड़ी को काट लेता या हमला कर देता, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती? खिलाड़ियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता, खासकर जब आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट के मैच जयपुर में खेले जाने हैं। अगर इस तरह की घटना किसी महत्वपूर्ण मैच के दौरान होती, तो यह पूरे आयोजन की साख पर बट्टा लगा सकती थी।

नगर निगम की लापरवाही उजागर
नगर निगम की जिम्मेदारी सिर्फ सफाई तक ही सीमित नहीं होती, बल्कि आवारा पशुओं के प्रबंधन की भी होती है। हर साल बजट में आवारा कुत्तों के विस्थापन के लिए भारी राशि आवंटित की जाती है, लेकिन बावजूद इसके, शहर में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जयपुर एक हेरिटेज सिटी है, जहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। जब विश्व स्तरीय क्रिकेट आयोजन में इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, तो यह न केवल शहर की छवि खराब करता है, बल्कि खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है।

स्टेडियम की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
इस घटना ने SMS स्टेडियम की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। यह सोचने वाली बात है कि जब किसी महत्वपूर्ण मैच के दौरान एक आवारा कुत्ता मैदान में घुस सकता है, तो अन्य सुरक्षा चूक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। नगर निगम और स्टेडियम प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। आईपीएल के दौरान लाखों दर्शक मैच देखने के लिए स्टेडियम पहुंचेंगे, ऐसे में सुरक्षा में कोई भी चूक बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है।

जयपुर की छवि को नुकसान
नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर लगातार जयपुर की रैंकिंग को बेहतर बनाने की बात करती हैं, लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित होने वाले आयोजनों में इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो शहर की छवि धूमिल होती है। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि नगर निगम की व्यवस्थाएं केवल कागजों तक ही सीमित हैं। जब राजधानी के सबसे महत्वपूर्ण स्टेडियम में सुरक्षा के इतने बड़े सवाल खड़े हो सकते हैं, तो शहर के अन्य हिस्सों में क्या स्थिति होगी, यह सोचने वाली बात है।

नगर निगम को उठाने होंगे ठोस कदम
इस घटना के बाद अब यह जरूरी हो गया है कि नगर निगम जयपुर में आवारा कुत्तों की समस्या को गंभीरता से ले और ठोस कदम उठाए। शहर के विभिन्न हिस्सों में आवारा कुत्तों के कारण पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें छोटे बच्चों और बुजुर्गों को गंभीर चोटें आई हैं। अगर नगर निगम ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो यह केवल खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे शहर के नागरिकों के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

अहम बिंदु जो इस घटना को गंभीर बनाते हैं

खिलाड़ियों की सुरक्षा पर खतरा: अगर कुत्ते ने किसी खिलाड़ी को काट लिया होता, तो यह उनके करियर और फिटनेस के लिए बड़ा झटका हो सकता था।

स्टेडियम की सुरक्षा में बड़ी चूक: SMS स्टेडियम जैसे महत्वपूर्ण स्थान पर सुरक्षा में ऐसी लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

नगर निगम की नाकामी: आवारा कुत्तों की समस्या जयपुर में लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा।

जयपुर की छवि को नुकसान: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखे जाने वाले मैचों में इस तरह की घटनाएं शहर की साख पर बुरा असर डाल सकती हैं।

क्या अब जागेगा नगर निगम?
अब देखना होगा कि इस घटना के बाद नगर निगम क्या कदम उठाता है। क्या वे इस घटना को गंभीरता से लेंगे और आवारा कुत्तों की समस्या को हल करेंगे, या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? फिलहाल, यह घटना खिलाड़ियों, दर्शकों और जयपुर प्रशासन के लिए एक चेतावनी की तरह है। नगर निगम को जल्द से जल्द कार्रवाई करनी होगी ताकि आने वाले बड़े आयोजनों के दौरान इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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