जयपुर: वेदों के हिंदी संस्करण के लिए सिरोही के डॉ. दीपक वशिष्ठ का सम्मान
राजस्थान के डॉ. दीपक वशिष्ठ को वेदों के हिंदी संस्करण के कार्य के लिए सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दिल्ली के आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में सम्मानित किया गया। भागवत ने डॉ. वशिष्ठ को शाल पहनाकर सम्मानित किया और प्रशस्ति पत्र भी भेंट किया। डॉ. वशिष्ठ मूलतः राजस्थान के सिरोही जिले के रहने वाले हैं। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं। वे सारी दुनिया को जोड़ने का काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि वेद और भारत दोनों एक ही हैं। वे सनातन धर्म का आधार है। वेदों में ज्ञान, विज्ञान, गणित, धर्म, चिकित्सा और संगीत की भी प्रचुरता है। उन्होंने कहा कि वेदों के मंत्रों में अंक गणित, घन और घनमूल के सिद्धांतों का भी स्पष्ट उल्लेख हैं। वेदों में समस्त विश्व के कल्याण की बात निहित हैं।
कार्यक्रम की प्रस्तावना में बताया कि स्वाध्याय मंडल पारडी, गुजरात तथा दिल्ली स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद अध्ययन केंद्र द्वारा श्रीपाद दामोदर सातवलेकर द्वारा भाष्यकृत इन चारों वेदों के 8 हजार पृष्टों के प्रकाशन में 10 वर्षो की अथक मेहनत लगी है। इस पुण्य कार्य में लगे विद्वानों व उनके सहयोगियों को इस अवसर पर सम्मानित भी किया गया।