जयपुर: पांच साल बाद फिर छलका बीसलपुर बांध, क्षमता के बराबर भरा पानी

राजस्थान का सबसे बड़ा पेयजल प्रोजेक्ट बीसलपुर बांध शुक्रवार को ओवरफ्लो हो गया। बांध में त्रिवेणी की लगातार आवक के चलते जल स्तर पर इसके अधिकतम गेज 350.50 मीटर पर पहुंच चुका है। अब इसके गेट खोले जाने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।

इस साल 15 जून तक इसमें पानी 309.39 आरएल मीटर था। लेकिन, अगस्त में आई जोरदार बारिश के बाद बांध में लगातार पानी की आवक हुई जिसके चलते यह 315 के स्तर को पार कर गया। बीते 24 घंटों में बांध में करीब 0.50 मीटर पानी की आवक हुई है। गुरुवार सुबह बांध में पानी के स्तर 315 मीटर को क्रॉस कर गया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह 6 बजे यह 315.49 पहुंच गया और अब खबर लिखे जाने तक यह 315.50 के स्तर पर पहुंच चुका है।  

इस बांध का मुख्य उद्देश्य टोंक जिले में जलापूर्ति के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी आरक्षित है। इसके अलावा जयपुर व अजमेर में भी जलापूर्ति के लिए पानी जाता हैं। टोंक जिले में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी पानी आरक्षित रखा गया है। इसके अलावा 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण व अन्य खर्च माना गया है। 

पेयजल में 1000 एमएलडी खपत 
टोंक, अजमेर, जयपुर जिलों में पेयजल के लिए रोजाना करीब 950 से 1000 एमएलडी पानी बीसलपुर बांध से जा रहा है। इससे तीनों जिलों के करीब 2000 शहर व गांवों में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
राजस्थान में पेयजल सप्लाई करने वाले सबसे बड़े बांध बीसलपुर का जल स्तर 315.25 मीटर को क्रॉस कर चुका है। देवली एसई डेम सर्किल विरेंद्र सिंह सागर का कहना है कि बांध में त्रिवेणी की आवक लगातार जारी है और कल सुबह तक इसके गेट खुलने की संभावना है। 

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