यहां होगा पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा का अनुभव, सिंदूर खेला, धुनुची नृत्य समेत होंगे कई कार्यक्रम

राजधानी में दुर्गा पूजा के लिए पंडाल सज गए हैं। मंगलवार से श्रद्धालु इन्हें देखने जा सकेंगे। सीआर पार्क में पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा का अनुभव हो रहा है। यहां उसी तरह ही पंडालों को सजाया गया है। पंडालों में सिंदूर खेला, धुनुची नृत्य और बच्चों के लिए तमाम तरह के कार्यक्रम होंगे। साथ ही पश्चिम बंगाल के कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश करेंगे।

पूरी दिल्ली में हर साल की तरह ही इस बार भी अलग-अलग थीम पर पंडाल सजे रहे हैं। सीआर पार्क बी-ब्लॉक में काशी विश्वनाथ मंदिर की थीम पर पंडाल बना है। वहीं, डीडीयू मार्ग में पंडाल की सजावट में विक्टोरिया मेमोरियल नजर आएगा। सीआर पार्क, आरके आश्रम, मंदिर मार्ग, दिलशाद गार्डन, कश्मीरी गेट, मिंटो रोड और मयूर विहार समेत कई जगहों पर दुर्गा मां की बड़ी-बड़ी प्रतिमा आकर्षण का केंद्र बनेगी। आराम बाग पूजा समिति की ओर से सज रहे पंडालों में दुर्गा मां के हाथों में युद्ध के हथियारों के बजाय हाथ में फूल दिखाई देंगे।

मिंटो रोड पूजा समिति के कोषाध्यक्ष तपन भट्टाचार्य ने बताया कि उनके यहां विक्टोरिया मेमोरियल की थीम पर आधारित पंडाल श्रद्धालुओं को कोलकाता की याद दिलाएगा। इसमें पूजा, आरती, भोग और अन्य कार्यक्रम होंगे। जबकि सीआर पार्क दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष तमल रक्षित बताते हैं कि दुर्गा पूजा के बाद श्रद्धालु आनंद मेले में लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे। वहीं, मिथिला शारदीय दुर्गा पूजा समिति की ओर से इंद्रा एंकलेव फेज-टू किराड़ी में वैदिक मिथिला विधि विधान से दुर्गा पूजा की जाएगी। इस दौरान मैथिल भाषा में नाटक का मंचन होगा। आचार्य घूरण मिश्र ने बताया कि महासप्तमी निशा पूजा की रात से सभी लोग जाग कर मां दुर्गा की पूजा अर्चना करते आते हैं।

दुर्गा पूजा में ये रहेंगी महत्वपूर्ण तिथियां 
दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित काली मंदिर में दुर्गा पूजा की यात्रा आठ अक्तूबर से शुरू होगी। देवी बोधन षष्ठी दिवस के अवसर पर शाम 7:32 बजे से षष्ठी पूजा आरंभ होगी। इसके बाद 11 अक्तूबर को आश्विन 24 को महाअष्टमी पूजा सुबह सात बजे से शाम 7:30 बजे तक आयोजित की जाएगी, जिसके अगले दिन 12 अक्तूबर को आश्विन 25 को महानवमी पूजा सुबह सात बजे से शाम 7:30 बजे तक होगी। इसके बाद 13 अक्तूबर को आश्विन 26 के अवसर पर विजयादशमी पूजा सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक आयोजित की जाएगी। इसके साथ दुर्गा पूजा का समापन होगा।

मां चंद्रघंटा की विधिवत पूजा-अर्चना की
नवरात्र महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं ने मां चंद्रघंटा की विधिवत पूजा-अर्चना की। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने उनकी आराधना कर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति की कामना की। मां चंद्रघंटा को शक्ति, साहस और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है। शनिवार को अवकाश होने के कारण मंदिरों में अन्य दिनों की तुलना में अधिक भीड़ देखने को मिली। राजधानी के प्रमुख मंदिर झंडेवाला माता मंदिर, कालकाजी मंदिर और छतरपुर मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं। 

श्रद्धालु सुबह से ही परिजनों के साथ मां के दर्शन के लिए विशेष तैयारी के साथ पहुंचे। उन्होंने मंदिरों में आयोजित जागरण, कीर्तन, भजनों में भी हिस्सा लिया। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने घरों में भी मां चंद्रघंटा की पूजा की। विशेष व्रत रखा और मां को प्रसाद अर्पित किया। कई स्थानों पर समूहों में देवी के भजन और कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। झंडेवाला माता मंदिर में नवरात्र के अवसर पर विदेशी पर्यटक भी पूजा करने के लिए आए।

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