इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर पर दोबारा हमला, जलते हुए आग के गोले गिरे

इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के उत्तरी भाग में स्थित सेसरिया कस्बे के निजी आवास पर एक बार फिर से हमला हुआ है। इस बार आग के दो गोले उनके आवास के बगीचे में गिरे। हमले के समय नेतन्याहू दंपती या उनके परिवार का कोई अन्य सदस्य आवास में मौजूद नहीं था। इस हमले से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

प्रधानमंत्री को धमकाना संभव नहीं: रक्षा मंत्री

हमले के बाद इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काज ने एक्स पर कहा, सभी रेडलाइन पार की जा रही हैं, यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, इजरायल के प्रधानमंत्री को धमकाना संभव नहीं है। ईरान और उसके सहयोगी संगठन प्रधानमंत्री को लगातार धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे। इजरायल के राष्ट्रपति इजाक हरजोग ने हमले की निंदा की है और कहा है कि बचाव में चूक की जांच चल रही है। देखा जा रहा है कि ये गोले किस हथियार से फेंके गए थे।

अक्टूबर में भी हो चुका हमला

पुलिस ने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। नेतन्याहू के इस आवास पर अक्टूबर में भी ड्रोन से हमला हुआ था। उस समय भी आवास पर नेतन्याहू दंपती मौजूद नहीं थे और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ था।

गाजा में 84 फलस्तीनी मारे गए

गाजा में जारी इजरायली हमलों में रविवार को 84 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए। इनमें से 70 लोग बेत लाहिया की एक बहुमंजिली इमारत पर हवाई हमले में मारे गए हैं। हमले में इमारत ध्वस्त हो गई है। हमास द्वारा संचालित गाजा के सरकारी मीडिया के अनुसार इमारत में छह परिवार रहते थे, उनके कुल 72 लोग हमले में मारे गए हैं। उत्तरी गाजा को घेरकर वहां पर बीते कई महीनों से इजरायली सेना की कार्रवाई जारी है।

इजरायली सेना यहां पर टैंकों से गोलाबारी के साथ ही विमानों से बमबारी भी कर रही है। इससे कुछ घंटे पहले गाजा के मध्य में स्थित बुरेज शरणार्थी क्षेत्र में इजरायल के हवाई हमले में 10 लोग मारे गए जबकि नजदीक स्थित नुसीरत शिविर में चार लोग मारे गए।

विपक्ष ने भी घटना की निंदा की

जांच में सामने आया है कि यह हमला सरकार विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोगों ने किया है। इजरायल की आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री के आवास पर फ्लेयर गन से हमला बेहद गंभीर घटना है। यह विरोध प्रदर्शन के वैध तरीके से बहुत दूर है।उधर, संचार मंत्री श्लोमो करही ने अटॉर्नी जनरल को बर्खास्त करने की मांग की। विपक्षी नेता और नेशनल यूनिटी के अध्यक्ष बेनी गैंट्ज ने भी घटना की निंदा की। उन्होंने दोषियों को कटघरे में लाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह विरोध नहीं बल्कि आतंकवाद है। मैं नेतन्याहू से गहराई से असहमत हूं। अक्सर उनकी आलोचना करता हूं। नेतन्याहू हत्यारा नहीं है और दुश्मन भी नहीं है। किसी को भी उनके खिलाफ सिर्फ कानून के तहत प्रदर्शन करना चाहिए।

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