ISIS ने दिखाया तबाही का मंजर; सीरिया में किया रासायनिक हमला

ISIS ने दिखाया तबाही का मंजर; सीरिया में किया रासायनिक हमला…… इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के किए गए रासायनिक हमले में 22 लोग घायल हैं, लेकिन इस आतंकी संगठन का अब रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल तेज़ कर देना ज्यादा खतरनाक है।

ISIS ने दिखाया तबाही का मंजर; सीरिया में किया रासायनिक हमला

यह भी पढ़ें:- मोदी का बड़ा फरमान: अगर आपने बैंक में पैसे जमा कराया है तो शुरू हो गये बुरे दिन

इराक और सीरिया में खात्मे की कगार पर पहुंच चुका दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और इसके लिए वो भयंकर नरसंहार से भी पीछे नहीं हट रहा। दावा है कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने सीरिया में रासायनिक हमला किया है। इसमें 22 लोग घायल हो गए। आईएस के रासायनिक हमले की जानकारी तुर्की सेना के अधिकारियों के हवाले से आई है। तुर्की सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ का दावा है कि आइएस आतंकवादियों के किए गए रासायनिक हमले में उनके विद्रोही सेना के 22 लड़ाके घायल हो गए। आपको बता दें कि सीरिया में तीन तरफा युद्ध चल रहा है। एक तरफ आईएस है, दूसरी तरफ वो विद्रोही हैं जो राष्ट्रपति बशर अल असल के खिलाफ हैं लेकिन आईएस के भी खिलाफ लड़ रहे हैं और तीसरी तरफ सीरिया और गठबंधन सेनाएं हैं।

ISIS ने दिखाया तबाही का मंजर; सीरिया में किया रासायनिक हमला

यह भी पढ़ें:- पीएम मोदी के डंडे से डर कर नोटबंदी विरोधियों ने भारत बंद को दिया नया नाम

रासायनिक, जैविक और रेडियोधर्मी हथियारों से घायल हुए तुर्की समर्थित सीरियाई विद्रोहियों को किलिस प्रांत स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिचली आना और सिर दर्द रासायनिक हमलों का पहला लक्षण है। इस अस्पताल में रासायनिक, जैविक और रेडियोधर्मी हथियारों से घायलों के लिए विशेष सेल बनाई गई है। यह साफ नहीं हुआ है यह रासायनिक हमला किस समय हुआ, लेकिन बताया जा रहा है कि आईएस ने हमले में इस्तेमाल किए गए रॉकेट में क्लोरीन भरी थी। आइएस पर पहले भी रासायनिक हमला करने के आरोप लगे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बीते दिनों ही चेतावनी दी थी कि आइएस यूरोप में भी रासायनिक हमले कर सकता है।

ISIS ने दिखाया तबाही का मंजर; सीरिया में किया रासायनिक हमला

यह भी पढ़ें:- मोदी सरकार ने दिया पाक को तबाह करने का आदेश; रक्षामंत्री समर्थन में

इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के पास इस तरह के हथियार होने की आशंका से पहले ही हड़कंप मचा हुआ था और हमले होने लगे हैं तो चिंताएं और बढ़ गई हैं क्योंकि इस तरह के खतरनाक हमले तबाही मच सकते हैं और बहुत बड़े पैमाने पर लोग मारे जा सकते हैं। इस बीच तुर्की सेना ने एक बयान में कहा है कि 24 अगस्त को तुर्की सीमा के सीरियाई हिस्से से आतंकवादियों को खदेड़ने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन में विद्रोही सेना के कई लड़ाके मारे गए थे और 14 अन्य घायल हुए थे। तुर्की ने आईएस के खिलाफ बड़ी लड़ाई छेड़ी हुई है। पिछले हफ्ते ही तुर्की के लड़ाकू विमानों ने उत्तरी सीरिया के अल-बाब प्रांत में आईएस के ठिकानों पर भारी बमबारी की और उसके 17 ठिकानों को नष्ट कर दिया था।

उधर सीरिया के अलेप्पो शहर से 24 घंटों के भीतर 4000 से ज्यादा लोग शहर छोड़ कर भाग चुके हैं। अलेप्पो के पूर्वी हिस्से पर विद्रोहियों का कब्जा है। सीरियाई सेना ने15 नवंबर से पूर्वी अलेप्पो को कब्जे में लेने के लिए अभियान छेड़ा हुआ है। इस अभियान के बाद से अब तक 219 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 27 बच्चे भी शामिल हैं। सीरिया के एक मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 1700 लोग पूर्वी अलेप्पो से भाग कर सरकारी नियंत्रण वाले इलाके में आ गए हैं जबकि 2500 के करीब लोग कुर्द नियंत्रण वाले इलाकों में चले गए हैं। सीरिया में 2012 के बाद इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पलायन की घटनाएं पहली बार सामने आ रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button