समाप्त हुई IRCTC की बिक्री पेशकश, सरकार को मिलेंगे 4374 करोड़ रुपये
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) में सरकारी हिस्सेदारी की ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) पेशकश से सरकार को 4,374 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। यह बिक्री पेशकश शुक्रवार को बंद हो गई।
20 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी केंद्र सरकार
बिक्री पेशकश के तहत कंपनी की प्रवर्तक सरकार ने कुल मिलाकर 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की। इसके लिए न्यूनतम शेयर मूल्य 1,367 रुपये प्रति शेयर रखा गया। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति विभाग (दीपम) सचिव तुहीन कांत पांडे ने ट्वीट के जरिए कहा कि, ‘आईआरसीटीसी का ओएफएस खुदरा निवेशकों से 109.84 फीसदी अभिदान पाने के साथ मजबूत भागीदारी दिखाते हुए बंद हो गया। हम इस सौदे को सफल बनाने और बेहतर भागीदारी करने के लिए सभी निवेशकों का धन्यवाद करते हैं।’
IRCTC में सरकार की 87.40 फीसदी हिस्सेदारी
उन्होंने कहा कि इस बिक्री पेशकश के पूरा होने के साथ ही आईआरसीटीसी सेबी के न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) नियम का अनुपालन करने वाली कंपनी बन गई है। आईआरसीटीसी में सरकार की 87.40 फीसदी हिस्सेदारी है। सेबी के एमपीएस नियम के तहत उसे अपनी हिस्सेदारी को कम करके 75 फीसदी करना था।
आईआरसीटीसी ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा था कि, सरकार कंपनी के 2,40,00,000 इक्विटी शेयर बेचने का प्रस्ताव रख रही है, जो 15 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। इसके साथ 80,00,000 अतिरिक्त शेयर बेचने का विकल्प है, जो कुल इक्विटी शेयर कैपिटल का पांच फीसदी हिस्सा है।
ये है सरकार का लक्ष्य
बता दें कि कोविड- 19 के कारण सरकार के खजाने पर काफी दबाव है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश से आने हैं, जबकि 90 हजार करोड़ रुपये की राशि वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचने से प्राप्त होंगे।