आईओसी ने वियतनाम की बिन सोन रिफाइनरी में हिस्सेदारी के लिए लगाई बोली

नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) ने वियतनाम की बिन सोन रिफाइनिग एंड पेट्रोकेमिकल कंपनी में हिस्सेदारी के लिए बोली लगाई है। कंपनी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में व्यापार बढ़ाने पर गौर कर रही है और इसी कड़ी में उसने बोली लगाई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आईओसी कम-से-कम उन चार कंपनियों में शामिल है जिसने बिन सोन रिफाइनिग एंड पेट्रोकेमिकल कंपनी (बीएसआर) में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर रणनीतिक भागीदारी को लेकर रूचि दिखाई है।

इंडोनेशिया की सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी पर्तामीना, वियतनाम की सबसे बड़ी पेट्रोल डीलर कंपनी पेट्रोलीमेक्स तथा थाईलैंड की बैंगचैक कारपोरेशन पब्लिक कंपनी लि. अन्य कंपनियां हैं जिन्होंने रूचि पत्र जमा किए हैं। स्विट्जरलैंड की विटोल तथा स्पेन की रेपसोल ने भी शुरू में कंपनी में हिस्सेदारी को लेकर रूचि दिखाई थी लेकिन यह अभी साफ नहीं है कि उन्होंने रूचि पत्र जमा किया है या नहीं। रूचि पत्र जमा करने की समयसीमा पिछले महीने समाप्त हुई।

बिन सोन रिफाइनिग एंड पेट्रोकेमिकल कंपनी वियतनाम की पहली तेल रिफाइनरी दुंग क्वात रिफाइनरी (डीक्यूआर) का परिचालन करती है। इसकी क्षमता 65 लाख टन सालाना है। यह वियतनाम में पेट्रोल और तेल की 30 प्रतिशत से अधिक मांग को पूरा करती है।
यह सालाना 32 लाख टन डीजल तथा 25 लाख टन पेट्रोल का उत्पादन करती है। इसके अलावा एलपीजी, विमान ईंधन, पॉलीप्रोपिलीन, प्रापीलीन का भी उत्पादन करती है।

इस रिफाइनरी की क्षमता 2020 तक बढ़ाकर 85 लाख टन सालाना की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, रणनीतिक निवेशकों को 49 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के बाद बीएसआर में सरकारी हिस्सेदारी 43 प्रतिशत हो जाएगी। देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी आईओसी अपनी तेल रिफाइनिग और ईंधन के खुदरा कारोबार का विस्तार म्यांमा, बांग्लादेश और वियतनाम में करने पर ध्यान दे रही है।

 
 
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