46600 करोड़ के औद्योगिक पैकेज विस्तार पर निवेशकों की उम्मीदें अटकीं
जम्मू कश्मीर में 46600 करोड़ रुपये के औद्योगिक पैकेज विस्तार की उम्मीद में 200 निवेशकों की योजनाएं अटकी हुई हैं, जबकि 28400 करोड़ रुपये का बजट समाप्त हो चुका है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए नई केंद्रीय औद्योगिक क्षेत्र योजना के 28400 करोड़ रुपये के बजट पैकेज में 971 निवेशकों को ही समायोजित किया जा सका। दस साल की इस योजना में निवेशकों को आकर्षक प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। देश-विदेश के 200 और निवेशक सारी औपचारिकताएं पूरी करके करोड़ों रुपये के निवेश के लिए तैयार हैं। लेकिन बजटीय प्रावधान का विस्तार न होने के कारण इन निवेशकों को पंजीकृत नहीं किया जा सका है। उद्योग विभाग की ओर से लगभग दो महीने पहले ही योजना विस्तार की जरूरत बताते हुए 46600 करोड़ रुपये मांगे गए थे।
पैकेज न मिलने से इससे जम्मू-कश्मीर में आने वाला करोड़ों रुपये का निवेश रुक गया है।अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में निवेश को आकर्षित करने के लिए अप्रैल 2021 में 28400 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित नई औद्योगिक नीति को लागू किया गया था। गत 30 सितंबर को बजट का प्रावधान खत्म हो जाने पर निवेशकों के लिए बना पंजीकरण पोर्टल बंद कर दिया गया।
उस समय विभाग के पास सभी औपचारिकताएं पूरी करने वाले 250 निवेश प्रस्ताव के आवेदन आए थे। जितनी रकम बची हुई थी, उस बजट में 50 निवेश प्रस्तावों को ही समायोजित किया जा सका, जबकि 200 निवेश प्रस्तावों के लिए निवेशकों का पंजीकरण नहीं हो पाया। कई पंजीकृत निवेशक ऐसे भी थे, जिन्होंने बुनियादी ढांचे के लिए काम शुरू कर दिया था। लेकिन बजट का प्रावधान न होने से उन्होंने बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्यों को बंद कर दिया है। उन्हें डर है कि अगर वे परियोजनाओं पर अधिक राशि खर्च कर देते हैं और पैकेज का विस्तार नहीं होता तो उन्हें भारी वित्तीय नुकसान हो सकता है।
उद्योग विभाग ने केंद्र से पुराने के साथ नए विस्तारित पैकेज में कुल 75000 (पहले बजट के अलावा अतिरिक्त 46600 करोड़) करोड़ रुपये की मांग की है। उद्योग विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार पर सबकी नजरें टिकीं हुईं हैं। मुख्यमंत्री ने भी नई दिल्ली से औद्योगिक पैकेज के विस्तार की मांग की है। गत दिवस कन्वेंशन सेंटर में हुई पांचवीं निवेशक बैठक में भी निवेशकों ने प्रमुख रूप से नई केंद्रीय औद्योगिक क्षेत्र योजना पैकेज के साथ बजटीय परिव्यय बढ़ाने पर जोर दिया था।यंत्र और मशीनरी पर 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश भी रुका
बताया जाता है कि पोर्टल बंद होने से पहले आवेदन प्रस्तावों में निवेशक करीब 10 हजार करोड़ रुपये के संयंत्र और मशीनरी लगाने वाले थे। लेकिन वे रुक गए हैं। निवेशक लगातार नई केंद्रीय औद्योगिक क्षेत्र योजना पैकेज के साथ बजटीय परिव्यय को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इसी तरह करीब 30 हजार करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पर संशय बना है।
शासन बदलने से भी परिस्थितियां बदलींजम्मू कश्मीर में जिस समय नई औद्योगिक नीति लाई गई थी, उस समय उपराज्यपाल प्रशासन सभी प्रमुख क्षेत्रों को देख रहे थे। लेकिन उमर सरकार के बनने के बाद उद्योग, वित्त विभाग मंत्रियों के हाथों चले गए हैं। लेकिन पैकेज विस्तार की चाबी केंद्र के पास ही है।
केंद्र नजरें इनायत करे या फिर जम्मू कश्मीर सरकार अपने हाथ में ले
बाड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जम्मू के प्रधान ललित महाजन का कहना है कि हम लगातार नई औद्योगिक पैकेज के विस्तार की मांग कर रहे हैं। इन परिस्थितियों में केंद्र सरकार को बजट का विस्तार करना चाहिए या फिर जम्मू कश्मीर सरकार को इस कार्य को अपने हाथ में लेकर जरूरी स्रोत जुटाने चाहिए। पैकेज के विस्तार में नई औद्योगिक इकाइयों के साथ मौजूदा इकाइयों का प्रोत्साहन बढ़ाने पर काम किया जाना चाहिए। मौजूदा इकाइयों को भी नई इकाइयों की तर्ज पर सभी तरह का प्रोत्साहन देकर मजबूत बनाया जाए।