समुंदर के नीचे बिछे इंटरनेट केबल पर मंडरा रही हैं रूसी पनडुब्बियां

बीते कुछ समय से रूस के पनडुब्बी उत्तरी अटलांटिक महासागर के भीतर काफी सक्रिय हो गई हैं। वे हजारों मीटर की गहराई में उन जगहों पर घूम रही हैं, जहां इंटरनेट केबल काफी संख्या में बिछाए गए हैं। हालांकि, रूसी पनडुब्बियां वहां क्यों घूम रही हैं, इसके बारे में कोई खास जानाकरी नहीं है।
मगर, अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि रूस भविष्य में इन केबल्स को तबाह करने, खराब करने और डेटा लाइन्स को टैप करने के लिए इस्तेमाल कर सकता है। अमेरिकी नौसेना के रियर एडमिन एंड्र्यू लेनन ने कहा कि हम पानी के नीचे रूस की काफी सक्रियता देख रहे हैं। वह नाटो सबमरीन फोर्स के कमांडर हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसा हमने पहले कभी नहीं देखा है। रूस स्पष्ट तौर पर नाटो और नाटो राष्ट्रों के समुद्र की गहराई में स्थित बुनियादी ढांचे में रुचि ले रहा है। ये केबल दुनिया भर में संचार का एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण जरिया हैं। अधिकांश केबल माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसे निजी दूरसंचार कंपनियों के स्वामित्व में हैं।
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इन केबल्स के जरिये दुनिया भर के कॉल, ईमेल और रोजाना 10 ट्रिलियन तक का वित्तीय लेनदेन होता हैं। एक गैर-लाभकारी शोध समूह सीएनए कार्पोरेशन से जुड़े रूसी सैन्य विशेषज्ञ माइकल कोफमन ने कहा कि रूस अपना होमवर्क कर रहा है। संकट या उनके साथ संघर्ष की स्थिति में वे हमारे लिए परेशानी पैदा कर सकते हैं।
एक रूसी टीवी चैनल ने अपने जहाज और पनडुब्बियों की तारीफ करते हुए हाल ही में कहा था कि ये जहाज समुद्र के नीचे किसी भी सेंसर को जाम कर सकते हैं और उसे अपने टॉप-सीक्रेट केबल से जोड़ सकते हैं। बताते चलें कि दुनियाभर में 90 प्रतिशत इंटरनेट इन केबिल्स से होता है। बाकी 10 प्रतिशत सैटेलाइट से होता है, लेकिन उसकी इंटरनेट की स्पीड काफी कम होती है।