International Womens Day 2019: ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने बदल दी हिंदुस्तान की सियासत

आज के समय में महिलाएं पारवारिक जिम्मदारियों के साथ-साथ समाज और देश को भी संभाल रही हैं। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी जब महिलाओं के लिए घर की दहलीज से बाहर निकलना भी एक चुनौती थी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको उन भारतीय महिलाओं के बारे में बताएंगे जिन्होंने समाज की कुंठित सोच और बेड़ियों को तोड़ते हुए अपने अदम्य साहस, क्षमता और इच्छाशक्ति के बूते समाज के सामने एक मिसाल पेश की। ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया और दुनिया के सामने खुदको भारतीय गौरव के रूप में पेश किया।International Womens Day 2019: ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने बदल दी हिंदुस्तान की सियासत

इंदिरा गांधी
इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त की गईं। साल 1971 में वो पहली भारतीय महिला थीं, जिन्हें भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया।

सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू स्वंत्रता सेनानी, कवियत्री और देश के पहली महिला गवर्नर थीं। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 में हुआ था। सरोजिनी नायडू ने देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थीं। सरोजिनी नायडू का निधन 2 मार्च 1949 में हुआ था।

राजकुमारी अमृत कौर
राजकुमारी अमृत कौर स्वतंत्र भारत की पहली केंद्रीय मंत्री थीं। उनका जन्म फरवरी 1889 में हुआ था। वे दस वर्ष तक स्वास्थ्य मंत्री रहीं। राजकुमारी अमृत कौर महात्मा गांधी की अनुयायी और 16 वर्ष तक उनकी सचिव रहीं। राजकुमारी अमृत कौर ने अपनी उच्च शिक्षा इंग्लैंड में पूरी की। साल 1947 से 1957 तकक वह भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहीं। राजकुमारी अमृत कौर का निधन 2 अक्टूबर 1964 को दिल्ली में हुआ। उन्हें खेल से बहुत प्रेम था।

दीपक संधू
साल 2013 में दीपक संधू देश की पहली महिला मुख्य सूचना आयुक्त बन गईं। संधू कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुकी हैं जिसमें पीआईबी की प्रधान महानिदेशक, मीडिया एवं संचार, डीडी न्यूज की महानिदेशक और 2009 में सूचना आयुक्त बनने से पहले ऑल इंडिया रेडियो, न्यूज की महानिदेशक रह चुकी हैं।

रमा देवी
वीएस रमादेवी भारत की प्रथम महिला मुख्य चुनाव आयुक्त थीं। वह 26 नवंबर 11 दिसंबर 1990 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर कार्यरत रहीं।वीएस रमा देवी का जन्म 15 जनवरी 1934 में हुई थी। इनकी मृत्यु `17 अप्रैल 2013 में हुई थी। वो 26 जुलाई 1997 से 1 दिसंबर 1999 तक हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल भी रहीं थीं। उनके बाद टी.एन. शेषन मुख्य चुनाव आयुक्त बने।

एनी बेसेंट
एनी बेसेंट 1917 में कोलकाता में कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गईं। वह मूल रूप से आयरलैंड की रहने वाली थीं और उन विदेशियों में शामिल थीं, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद उनकी रूचि थियोसॉफी में जागी और वे 1875 में स्थापित किए गए थियोसॉफिकल सोसाइटी की लीडर बन गईं।

मीरा कुमार
31 मार्च 1945 को जन्मी मीरा कुमार दलित समुदाय से हैं और वे पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं। उनकी मां इंद्राणी देवी एक समाजसेवी थीं। वर्ष 1985 में वो पहली बार सांसद बनी, उन्होंने बिजनौर से चुनाव लड़ा था। साल 2009 में मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला स्पीकर चुनी गईं थीं।

सुचेता कृपलानी
देश के किसी राज्य की मुख्यमंत्री बनने का गौरव पाने वाली पहली महिला सुचेता कृपलानी ( सुचेता मजूमदार ) थीं। सुचेता कृपलानी एक स्वतंत्रता सेनानी भी थीं। 2 अक्टूबर 1963 को सुचेता कृपलानी ने उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। वह भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं

विजयलक्ष्मी पंडित
पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की छोटी बहन थीं विजयलक्ष्मी पंडित। आज़ादी के बाद 1947 से 1949 तक रूस में राजदूत रहीं। फिर 1953 में यूएन जनरल असेंबली की प्रेसिडेंट रहीं। विजयलक्ष्मी पंडित पहली महिला थीं जो यूएन जनरल असेंबली की प्रेसिडेंट रहीं। 1946 में संविधान सभा में चुनी गईं। औरतों की बराबरी से जुड़े मुद्दों पर अपनी राय रखी और बातें मनवाईं।

प्रतिभा पाटिल
भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल हैं। प्रतिभा पाटिल का पूरा नाम प्रतिभा देवीसिंह पाटिल हैं। प्रतिभा पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नंदगांव में हुआ था। साल 1962 में प्रतिभा पाटिल ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और राजनीति में प्रवेश किया। मात्र 27 साल की उम्र में ही प्रतिभा पाटिल मुंबई की जलगांव विधानसभा से विधायक चुनी गईं।

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