बिहार में सहकारिता के माध्यम से विकास की असीम संभावनाएं: मंत्री डॉ. प्रेम कुमार
बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य में सहकारिता के माध्यम से विकास की असीम संभावनाएं है, जिसे वर्तमान सरकार ने समझा है और इसे सफलीभूत करने के उद्देश्य से राज्यस्तरीय शहद उत्पादक सहकारी संघ, मत्स्यजीवी सहकारी संघ तथा परिसंघ का भी गठन किया जा रहा है, इन प्रयासों से राज्य के किसानों को निश्चय ही लाभ होगा।
राज्य में समितियों के उत्पादों की बिक्री एवं विपणन के लिए प्रमंडल स्तर पर संघ तथा राज्य स्तर पर फेडरेशन का गठन करने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। प्रमंंडल स्तर पर गठित किए जाने वाले विपणन सहकारी संघ का कार्यक्षेत्र संपूर्ण प्रमंंडल होगा, जबकि राज्य स्तर पर गठित होने वाली बिहार राज्य विपणन सहकारी परिसंघ का कार्यक्षेत्र संपूर्ण बिहार राज्य तक सीमित होगा।
प्रमंंडल स्तर पर गठित की जाने वाली संघ के सदस्य प्राथमिक कृषि साख समिति (पैक्स) तथा अन्य प्राथमिक समितियां होंगी जो वस्तुओं एवं सेवाओं के विपणन से संबंधित कार्य करती है तथा परिसंघ में प्रमंंडल स्तर पर गठित सभी विपणन सहकारी संघ, व्यापारमंडल सहयोग समितियां, राज्यान्तर्गत विपणन कार्य करने वाली केन्द्रीय समितियां, केन्द्रीय सहकारी बैंक सहित सदस्य होंगे।
सहकारिता मंत्री डा. प्रेम कुमार ने बताया कि पूर्व में बिस्कोमान राज्यस्तरीय फेडरेशन के तौर पर कार्यरत थी, लेकिन झारखंड राज्य बन जाने के बाद बिस्कोमान का कार्यक्षेत्र झारखंड राज्य तक फैले होने से यह एक मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी बन गया है, ऐसे में राज्य स्तर पर फेडरेशन का गठन आवश्यक था।
उन्होंने कहा कि सभी विपणन सहकारी संघ तथा बिहार राज्य विपणन सहकारी परिसंघ में निदेशक पर्षद का निर्वाचन बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 1935 के अनुरूप पांच वर्षो का होगा। राज्य में इन समितियों का निर्वाचन बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार के द्वारा निर्वाचन संपन्न कराने का प्रावधान हैं, जिससेस्वच्छ एवं विवादरहित निदेशक पर्षद का गठन किया जा सके।