मध्यभारत में नशे का मुख्य केंद्र बन रहा इंदौर, खुलेआम नशाखोरी, बर्बाद हो रहे युवा

इंदौर में नशे का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। इस साल 1 जनवरी से 15 नवंबर तक करीब 8165 किग्रा अवैध मादक पदार्थ जब्त किया जा चुका है। इसमें 7837 किग्रा डोडा चूरा है। यहां पर चौंकाने वाली बात यह है कि पिछले साल सिर्फ 1185 किग्रा डोडा चूरा पकड़ाया था जो अब 8 हजार किग्रा से अधिक मिला है। इसी के साथ अन्य तरह के मादक पदार्थों की आवक में भी तेजी आई है।
6 गुना बढ़ गई डोडा चूरा की स्मगलिंग
श में सबसे ज्यादा तस्करी और अवैध व्यापार डोडाचूरा का होता है। इसकी तस्करी में पुलिस और प्रशासन के सभी दावे फेल हो गए हैं। आंकड़े खुद बता रहे हैं कि मादक पदार्थ की आवक 6 गुना अधिक बढ़ गई है। इसी के साथ 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक अलग-अलग छापामार कार्रवाई के दौरान 2.08 किलोग्राम केमिकल ड्रग्स बरामद हुआ, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
साल 2024 में 15 नवंबर तक पकड़ाए मादक पदार्थ
स्मैक – .341
अफीम – 28.773
गांजा – 298.7
डोडा चूरा – 7837
चरस – .25
गांजा पौधा – 686
केमिकल ड्रग्स – 2.08
इंदौर की सीमाओं पर चौकसी फेल साबित हो रही
इंदौर मध्यभारत का प्रमुख शहर बन गया है। शिक्षा, व्यापार और रोजगार के लिए हर साल लाखों लोगों की आवाजाही होने लगी है। इसी के चलते नशे की खपत भी बढ़ रही है। इंदौर के आसपास की सीमाओं को सुरक्षित करने के पुलिस के सारे प्रयास फेल होते जा रहे हैं। अपराधी ट्रक, कार, बाइक और अन्य वाहनों से जंगलों या कच्चे रास्तों से इंदौर में ड्रग्स लेकर आ रहे हैं। इंदौर की सीमाओं पर चलने वाली लगातार चेकिंग भी इसे नहीं रोक पा रही है।
मुखबिर तंत्र के भरोसे है पुलिस, गर्भवती महिलाओं को कर रहे टारगेट
ड्रग्स के मामलों में पुलिस मुखबिर तंत्र के भरोसे पर ही रहती है। जानकारी मिलने पर भी कई बार अपराधी पकड़ से बाहर हो जाते हैं। महिलाओं, बच्चों के माध्यम से ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है। इस साल कई चौंकाने वाले मामले सामने आए जिनमें गर्भवती महिलाओं के माध्यम से ड्रग्स को भेजा गया। इन पर पुलिस को शक नहीं होता और यह आसानी से इस काम को पूरा कर लेती हैं।
केस बढ़े हैं पर पुलिस भी रोज एक्शन ले रही है
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया कहते हैं कि पुलिस ने स्पेशल टीमें बना रखी हैं। लगातार कार्रवाई हो रही है। हम एक से दो दिन में किसी न किसी क्षेत्र में अपराधियों को पकड़ रहे हैं। इस साल 78 प्रकरण दर्ज हुए हैं जिनमें 97 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। हमें मुख्यमंत्री से स्पष्ट निर्देश मिले हैं कि अवैध मादक पदार्थ की तस्करी और सेवन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पिछले 10 महीनों में भी कई तस्कर पकड़े हैं, जिनमें कुछ नाबालिग शामिल है। इंदौर पुलिस और क्राइम ब्रांच टीम द्वारा अवैध मादर्क पदार्थ के खिलाफ आगे भी लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।
खुलेआम बन रहे नशे के अवैध अड्डे
इंदौर में हालत यह है कि गार्डन, खुले प्लाट और बंद पड़ी इमारतों में नशे के अड्डे बनते जा रहे हैं। रहवासियों की शिकायतों के बाद भी इन पर पुलिस का एक्शन नजर नहीं आता। गौरी नगर में खुले मैदान में लोग नशाखोरी करते हैं और पुलिस को कुछ नजर नहीं आता। इस तरह के दृश्य इंदौर में जगह जगह दिखाई पड़ते हैं।