इंदौर: चौथी फेल गुलाब सिंह ने पान बेचकर खड़ा किया करोड़ों रुपये के टर्नओवर का कारोबार

इंदौर का करणावत ग्रुप जीएसटी छापे के कारण चर्चा में है। इंदौर में करणावत के नाम से 32 पान की दुकानें है और 12 भोजनालय हैै। विभाग ने छापा इसलिए मारा,क्योकि सालाना करोड़ों का टर्नओवर होने के बावजूद बिना रिकार्ड के बिक्री हो रही थी और आय कम दिखाई जा रही थी। करणावत पान शाॅप के संस्थापन गुलाब सिंह चौहान चौथी फेल है, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर शहर में कारोबार फैला लिया।

फेल होने के बाद गुलाब सिंह 1979 में दोस्तों से कुछ रुपये उधार लेकर इंदौर आ गए। नए शहर में उन्होंने पान की दुकान पर काम किया। दो-तीन साल काम करने के बाद खुद की पान की दुकान खोलने का फैसला लिया और 1982 में साउथ तुकोगंज में पहली दुकान खोली। दुकान चल पड़ी, धंधा बढ़ने लगा, लेकिन 1984 के दंगों में दुकान जल गई और गुलाब सिंह फिर खाली हाथ हो गए। उन्हें फिर नौकरी करना पड़ी।

शादी के बाद फिर पान की दुकान खोली। गांव से छोटे भाई को बुला लिया और फिर एक और दुकान खोल ली। गुलाब सिंह को जब कारोबार में मुनाफा नजर आने लगा और लोगों के मुंह में करणावत के पान का स्वाद चढ़ने लगा तो फिर गांव से वे रिश्तेदारों को बुलाने लगे और फ्रेंचाईसी माॅडल पर एक के बाद एक 32 पान की दुकानें खोल ली।

फिलहाल उनके पास 70 से ज्यादा भरोसेमंद रिश्तेदारों की टीम है। ज्यादातर के पास इंदौर में घर भी है। 2009 में करनावत भोजनालय की नींव रखी। शहर में 12 भोजनालय भी संचालित हो रहे है। बताते है कि सालभर में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा का टर्नअेावर करणावत ग्रुप का है।

चौकीदारी भी की
जब वे इंदौर आए ते तो रात मेें एक बिल्डिंग में चौकीदारी भी करते थे। जब पान के कारोबार में उन्होंने अच्छा-खासा पैसा बनाया तो फिर उस बिल्डिंग को खरीद लिया। जिसमें वे चौकीदारी करते थे। अब उस बिल्डिंग को स्टूडेंट को किराए पर कमरे देते है।

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