‘निज्जर की हत्या मामले में मिल रहा भारत का समर्थन’: कनाडाई अधिकारी

कनाडा के एक पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा है कि ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या की चल रही जांच में भारत अब कनाडा के साथ सहयोग कर रहा है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस मामले पर महीनों के तनाव के बाद द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो रहा है।

कनाडा के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जोडी थॉमस ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार के दौरान यह बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत अब पिछले साल जून में कनाडा के सरे शहर में खालिस्तानी अलगाववादी और नामित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की चल रही जांच में सहयोग कर रहा है।

भारत कर रहा कनाडा का सहयोग
यह पहली बार है जब किसी कनाडाई अधिकारी ने स्वीकार किया है कि निज्जर की हत्या पर तनाव के बीच कनाडा द्वारा भारत के खिलाफ असहयोग के आरोपों के बाद भारत ने चीजें आगे बढ़ा दी हैं। हत्या में भारत की संदिग्ध संलिप्तता के बारे में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद पिछले साल दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ कड़वाहट देखी गई थी। भारत ने इस आरोप को बेतुका और प्रेरित बताते हुए इनकार कर दिया था।

कनाडा और नई दिल्ली के संबंधों पर खुलकर बोली पूर्व NSA
फिलहाल, 26 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थॉमस की टिप्पणी पर भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। भारत ने कहा है कि कनाडा ने अपने दावे के समर्थन में कभी भी कोई सबूत या जानकारी साझा नहीं की है कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे। थॉमस ने कहा, “मैं उन्हें असहयोग करने वाला नहीं कहूंगा।” थॉमस ने ओटावा और नई दिल्ली के बीच बदलते संबंधों को एक विकास के रूप में वर्णित किया और कहा कि कनाडा ने उस रिश्ते में प्रगति की है।”

इंडो-पैसिफिक में कनाडा की भूमिका
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, थॉमस ने कहा, “भारत में अपने समकक्ष के साथ मेरी चर्चा फायदेमंद रही है और मुझे लगता है कि उन्होंने चीजों को आगे बढ़ाया है।” इंडो-पैसिफिक में कार्य करने की कनाडा की क्षमता भारत के साथ उसके संबंध पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम इस दिशा में वापस काम कर रहे हैं।”

मालूम हो कि जोडी थॉमस को जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार की भूमिका के लिए नियुक्त किया गया था। उन्होंने एक अन्य साक्षात्कार में कहा कि कनाडा महीनों के तनावपूर्ण संबंधों के बाद भारत के साथ एक बेहतर रिश्ते की दिशा में काम कर रहा है।

कनाडाई राजनयिकों ने नहीं की वापसी
अक्टूबर में, 41 कनाडाई राजनयिकों ने अपनी राजनयिक छूट रद्द करने की धमकी के बाद भारत छोड़ दिया। वे राजनयिक वापस नहीं लौटे हैं। आरोपों पर चर्चा करने के लिए कई बार भारत आ चुके थॉमस ने कहा कि भारतीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण और थोड़ा हैरान करने वाली थी।

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