कतर का भारत प्रेम… इकोनॉमी, एनर्जी और गैस समेत कई सेक्टर में मिलेगा सहयोग

अपनी इकॉनमी में गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 7 फीसदी से वर्ष 2030 तक बढ़ा कर 15 फीसद करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही केंद्र सरकार अब कतर से और ज्यादा गैस खरीद सकती है। इस बारे में दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच वार्ता होने जा रही है।

दरअसल, भारत की दो दिवसीय यात्रा पर कतर के अमीर तमीम बिन हमीद अल-थानी सोमवार को पहुंचे और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनकी द्विपक्षीय वार्ता होगी। इसमें ऊर्जा और कारोबारी संबंधों पर ही मुख्य तौर पर बात होगी।

भारत और कतर के बीच होगी चर्चा

भारत कतर के सरकारी निवेश फंड से ज्यादा निवेश आकर्षित करने की भी कोशिश कर रहा है और दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता में यह भी एक प्रमुख मुद्दा होगा। पश्चिम एशिया में लगातार तनाव के माहौल को देखते हुए कतर भारत के साथ रक्षा संबंधों को भी मजबूत बनाने पर जोर दे रहा है। इस बारे में एक अहम घोषणा किए जाने की संभावना है।

भारत के लिए कतर क्यों जरूरी?

कतर भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए बेहद अहम देश है। भारत में गैस आयात का 70 फीसद गैस कतर से होता है। हाल ही में मोदी सरकार ने देश की इकॉनमी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने का फैसला किया है। इंटरनेशल इनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में भारत ने तकरीबन 65 अरब घन मीटर गैस की खपत की है जो वर्ष 2030 तक 120 अरब घन मीटर हो जाएगी।

विदेशों से गैस खरीदता है भारत

अभी भारत अपनी जरूरत का 50 फीसदी गैस विदेशों से खरीदता है जो बढ़ कर 70 फीसदी तक होने की उम्मीद है। कतर भारत को गैस आपूर्ति करने वाला एक भरोसेमंद देश है। ऐसे में इससे ज्यादा गैस खरीदने को भारत इच्छुक है। दोनों देशों के तेल कंपनियों के बीच संबंधित क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।

जब कतर के साथ रिश्तों में आया था तनाव

भारत और कतर के रिश्तों में वर्ष 2022 में तनाव तब आ गया था जब वहां की एक सरकारी शिपिंग कंपनी में कार्यरत आठ भारतीयों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।

ये सभी भारतीय नौ सेना से सेवानिवृत्त अधिकारी थे जो बाद में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग कंपनी में काम कर रहे थे। वहां की कोर्ट ने उन्हें फांसी की सजा भी दी थी जिसे बाद में भारत की तरफ से काफी कूटनीतिक कोशिश करने के बाद रिहा कराने में मदद मिली थी।

इसमें से एक अधिकारी अभी भी कतर से वापस नहीं आ पाया है। अन्य सातों की रिहाई के कुछ ही दिनों बाद पीएम मोदी ने कतर की यात्रा की थी। तब उन्होंने कतर के अमीर को भारत आने के लिए आमंत्रित किया था। दस वर्षों बाद अमीर फहीम अल-थानी भारत आ रहे हैं।

Back to top button