भारतीय मूल के डॉक्टर ने उड़ते हवाई जहाज में बचाई एक यात्री की जान
भारतीय मूल के डॉक्टर ने उड़ते हवाई जहाज में एक यात्री की जान बचाई। वह भी एक नहीं, दो-दो बार। असल में इस यात्री को कार्डियक अरेस्ट का दौरा पड़ा था। इस डॉक्टर का नाम है विश्वराज वेमला और वह बर्मिंघम के अस्पताल में कंसल्टेंट हेपेटोलॉजिस्ट हैं। 43 वर्षीय डॉक्टर विश्वराज दस घंटे की फ्लाइट पर सवार थे जब यह वाकया हुआ। इसके बाद उन्होंने विमान में मौजूद मेडिकल सामानों और अन्य यात्रियों से कुछ आइटम्स लेकर बीमार यात्री की जान बचाई। डॉक्टर विश्वराज के मुताबिक यह ताउम्र न भूलने वाला अनुभव है। यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिंघम ने इस बारे में ट्विटर पर लिखा है।
अचानक विमान के गलियारे में गिर पड़ा शख्स
यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिंघम के मुताबिक डॉक्टर वेमला नवंबर में एयर इंडिया की फ्लाइट से ब्रिटेन से भारत आए थे। उन्हें बेंगलुरू से अपनी मां को लंदन ले जाना था। लंदन से भारत की उड़ान के दौरान अचानक केबिन क्रू ने डॉक्टर को बुलाना शुरू कर दिया। पता चला कि किसी यात्री को कार्डियक अरेस्ट हुआ है। बीमार पड़े व्यक्ति की अभी तक कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं थी। वह अचानक विमान के गलियारे में गिर पड़ा। अनाउंसमेंट सुनते ही डॉक्टर वेमला तत्काल उसकी तरफ भागे और उसके इलाज में जुट गए। करीब एक घंटे की कवायद के बाद मरीज को किसी तरह से होश आया। इसके बाद डॉक्टर ने क्रू से पूछा कि क्या फ्लाइट पर किसी तरह की मेडिकल सुविधा मौजूद है। सौभाग्य से वहां पर न सिर्फ मेडिकल किट थी, बल्कि इसमें लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी मौजूद था। हालांकि इसमें ऐसा कोई इक्विपमेंट नहीं था, जिससे बीमार व्यक्ति की सिचुएशन मॉनीटर की जाती।
मुंबई एयरपोर्ट पर हुई इमरजेंसी लैंडिंग
इसके बाद डॉक्टर ने अन्य पैसेंजर्स से मदद मांगी। इसके बाद पैसेंजर्स ने उन्हें हार्ट रेट मॉनीटर, ब्लड प्रेशर मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर और ग्लूकोज मीटर मुहैया कराया। मरीज की हालत बेहतर हुई और वह डॉक्टर से बातचीत करने लगा। सभी को लगा कि अब वह ठीक हो चुका है, लेकिन अचानक उसकी तबियत फिर बिगड़ने लगी। इसके बाद डॉक्टर को फिर से उसे ठीक करने की कवायद में लगना पड़ा। डॉक्टर के मुताबिक फ्लाइट में करीब दो घंटे तक मरीज बेहद क्रिटिकल हालत में था। इस दौरान न तो उसका पल्स रेट सही था और न ही उसका ब्लड प्रेशर नॉर्मल था। उन्होंने बताया कि केबिन क्रू की मदद से उस व्यक्ति को करीब पांच घंटे तक जिंदा रखने की कोशिश की गई। हम सभी के लिए यह बेहद डरावना था, खासतौर पर अन्य पैसेंजर्स के लिए। पैसेंजर की गंभीर हालत को देखते हुए विमान को मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा गया, जहां इमरजेंसी क्रू उसकी देखभाल में जुट गया।